हिमाचल प्रदेश में डॉक्टरों की दबंगई जारी है। एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि प्रदेश में डॉक्टर सरकार के बनाए नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। 'प्रिसक्रिप्शन ऑडिट रिपोर्ट' के सार्वजनिक होने के बाद राज्य के 243 डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस स्वास्थ्य निदेशक ने भेजा है।
इसके अलावा 2 डॉक्टरों की शिकायत भी सरकार से की गई है। दरअसल, सरकार की तरफ से कोशिश है कि डॉक्टर तय मानकों के तहत ही काम करें और जेनेरिक दवाइयों के लिखने पर जोर दें। डॉक्टरों को मरीजों के लिए ब्रांडेड दवाई लिखने की मनाही है। लेकिन, फिर दवा कंपनियों से मिलने वाले कमीशन के चलते डॉक्टर लगातार तय दिशा-निर्देश को नहीं मान रहे हैं।
हालांकि, फिलहाल डाक्टरों की काउंसलिंग करने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि वर्तमान योजनाओं और नजरिए के प्रति सरकार जागरूक कर सके। मगर, इसके बाद भी नियमों का पालन नहीं होता है, तो विभाग द्वारा कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
सबसे ज्यादा नोटिस सोलन के डॉक्टरों को भेजा गया है। यहां 91 डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। सोलन एक बड़ा दवाईयों को हब है, ऐसे में यहां के डॉक्टर दवा कंपनियों के संपर्क में आसानी से रहते हैं। सोलन के अलावा कांगड़ा में 70, कुल्लू में 60, ऊना में 8, मंडी में 7, बिलासपुर में 4, चंबा में एक, शिमला में एक और हमीरपुर में एक डॉक्टर को नोटिस भेजा गया है।