कांगड़ा जिला के प्रमुख शक्तिपीठ ज्वालामुखी और चामुंडा मंदिर परिसर में ही श्रद्वालुओं और कर्मचारियों को कोविड टेस्ट की सुविधा मिलेगी। इस बाबत शुक्रवार को चामुंडा और ज्वालामुखी में कोविड टेस्ट सेंटर खोल दिए गए हैं। उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि ज्वालामुखी में कोविड टेस्टिंग सेंटर में अस्सी लोगों को सेंपल लिए गए जबकि चामुंडा में 50 लोगों के कोविड सेंपल एकत्रित किए गए हैं।
उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि मंदिरों में हजारों की संख्या में श्रद्वालु माथा टेकने आते हैं जिसके चलते ही इन स्थानों पर कोविड टेस्टिंग सेंटर स्थापित किए गए हैं ताकि कोविड संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि मंदिर के नजदीक आइसोलेशन रूम स्थापित किया गया है। कोरोना संक्रमण के लक्षण वाले व्यक्ति को स्वास्थ्य कर्मी द्वारा कोरोना का सैंपल लिए जाने के उपरांत संक्रमित पाए गए व्यक्ति को आइसोलेट किया जाएगा।
निपुण जिंदल ने कहा कि मंदिरों में कोविड प्रोटोकॉल की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक निर्देश दिए गए हैं, मंदिरों के प्रवेश द्वार पर सेनिटाइजर इत्यादि की व्यवस्था करने तथा सामाजिक दूरी की भी अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है ताकि कोविड संक्रमण से बचाव किया जा सके। उन्होंने कहा कि मंदिर में 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों, गंभीर बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति और गर्भवती महिलाओं को जाने की अनुमति नहीं होगी। मंदिर परिसर में हवन, भजन, विवाह और मुंडन संस्कार और जागरण की अनुमति नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि अभी भी कोविड से बचाव की जरूरत है। कोविड की संभावित तीसरी लहर से बचने के लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं जबकि लोगों को भी कोविड प्रोटाकॉल का पूरा ध्यान रखना चाहिए उन्होंने कहा कि अब ग्रामीण स्तर पर भी कोविड को लेकर रेंडम सेंपलिंग करने के निर्देश दिए गए हैं इसके साथ ही कोविड संक्रमितों की संपर्क सूची के आधार पर भी सुचारू टेस्टिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग को कहा गया है।