प्रदेश सरकार ने एचआरटीसी और निजी बसों में सफर करने के लिए न्यूनतम किराया पांच रुपये तय कर दिया है. मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिलने के 14 दिन बाद प्रदेश सरकार ने इस बारे अधिसूचना जारी कर दी है. अब दो किलोमीटर सफर करने पर सवारियों को पांच रुपये देने होंगे. इससे पहले तीन किलोमीटर सफर करने पर सवारियों को सात रुपये न्यूनतम किराया देना पड़ता था. प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम की ओर से यह आदेश जारी किए गए हैं.
दो किलोमीटर तक पांच रुपये न्यूनतम किराया देने के बाद सवारियों से प्रति किलोमीटर 2 रुपये 19 पैसे के हिसाब से किराया वसूला जाएगा. अगर किसी ने तीन किलोमीटर सफर करना है तो उन्हें सात रुपये किराया देना होगा. वहीं, निजी बस ऑपरेटर यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष राजेश पराशर ने कहा कि सरकार केवल वोटों की राजनीति के लिए निजी बस संचालकों के पेट पर लात मारने का काम किया है. जब ईंधन से लेकर हर चीज के दाम बढ़े हैं तो किराया कम होने की जगह बढ़ना चाहिए. इस मामले पर निजी बस संचालक यूनियन सरकार की तरफ से न्यूनतम किराया सात से पांच रुपये करने का विरोध करती है.
इसके विरोध में निजी बस ऑपरेटर कोर्ट में जाएंगे. उन्होंने कहा कि परिवहन निगम की बसों में महिलाओं को किराये में 50 फीसदी की छूट दी गई है. निजी बस ऑपरेटर इस मामले को लेकर कोर्ट गए हैं. सरकार ने इसका बदला लेने के लिए न्यूनतम किराया पांच रुपये किया है. उन्होंने कहा कि दो तीन दिन के भीतर निजी बस ऑपरेटरों की बैठक बुलाई जा रही है. इसमें निजी बसों को नहीं चलाने का फैसला लिया जाएगा. गौरतलब है कि हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में महिलाओं को राज्य के भीतर किराये में 50 फीसदी की छूट दी जा रही है. अब सरकारी व निजी बसों में न्यूनतम किराया भी घटाकर पांच रुपये कर दिया गया है.