<p>नई पेंशन स्कीम के तहत पेंशन बंद होने पर भड़के कर्मचारियों ने मंगलवार को शिमला में सचिवालय का घेराव किया। हिमाचल अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ भी इस लड़ाई में एनपीएस कर्मचारी महासंघ का साथ दे रहा है। हिमाचल अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष एसएस जोगटा ने कहा कि एक देश-प्रदेश में दो कानून नहीं चलेंगे। </p>
<p><strong>विधायक-सांसद को पेंशन और कर्मचारियों ठेंगा</strong></p>
<p>एसएस जोगटा ने एक तरफ तो जो कर्मचारी पूरी ज़िंदगी सरकारी नौकरी में लगा देता है और उसे पेंशन से भी वंचित कर दिया गया है। वहीं, दूसरी तरफ विधायक या सांसद यदि शपथ भी ले लेते हैं तो उन्हें पेंशन के साथ कई सरकारी लाभ दिए जा रहे हैं। यह सरासर अन्याय है और इसे हरगिज सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने सरकार को सीधी चेतावनी दी है कि जो सरकार कर्मचारियों के पेंशन का प्रबंध करेगी, कर्मचारी चुनावों में उसी का साथ देंगे। इसके अलावा यदि कर्मचारियों की पेंशन की मांग पर गौर नहीं किया गया, तो महासंघ इसको लेकर कोर्ट का दरवाज़ा भी खटखटाया जाएगा।<br />
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बता दें कि न्यू पेंशन स्कीम के तहत वर्ष 2003 से देश भर के सरकारी कर्मचारियों की पेंशन बंद कर दी गई है। हिमाचल के डेढ़ लाख सरकारी कर्मचारी इसके दायरे में आ रहे हैं, जिनको न्यू पेंशन स्कीम के तहत पेंशन नहीं मिल रही है। इसके खिलाफ एनपीएस कर्मचारी महासंघ ने हिमाचल सचिवालय का घेराव किया और सरकार के मुख्य सचिव को मांग पत्र सौंपा।</p>
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