विश्वविद्यालय में तीन छात्रों के निलंबन पर NSUI भड़क गई है। एनएसयूआई ने आरोप लगाया है कि कुलपति ने यह कार्यवाही बदले की भावना से की है। एनएसयूआई के छात्र छात्रों की मांगों को लेकर कुलपति से मिलने की कोशिश कर रहे थे लेकिन तानाशाही के बल पर 3 छात्रों को निष्काषित किया गया है।
एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष छतर सिंह ने कहा कि बीते कल बुधवार को विश्वविद्यालय ने तुगलकी फरमान निकाला, जिसमें लाइब्रेरी और होस्टल को बंद किया गया। इसको लेकर जब कुलपति को ज्ञापन दिया गया और घराव किया तो बदले में कुलपति ने NSUI के तीन छात्रों को निलंबित कर दिया। छात्र संघ का कहना है कि यह शांतिपूर्ण धरना था लेकिन सत्ता के नशे में चूर कुलपति ने ये क़दम उठाया है।
उन्होंने कहा कि यह कार्यवाही बदले की भावना से किया गया है। कुलपति ने गलत तरीके से अपने बेटे को पीएचडी में दाखिला करवाया है, जिसके खिलाफ एनएसयूआई लगातार आवाज उठाई है। इसी के चलते कुलपति ने यह कार्यवाही की। यह कुलपति विश्विद्यालय में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। विश्वविद्यालय में शिक्षा के स्तर के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। विश्विद्यालय में हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कार्यवाही नहीं होती है। नियमों को ताक पर रख कर भर्तियां हो रही है।
उन्होंने कहा कि जब तक वह भ्रष्ट कुलपति को विश्विद्यालय से खदेड़ नहीं लेते उनका सड़क से सचिवालय तक प्रदर्शन जारी रहेगा। जरूरत पड़ी तो एनएसयूआई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।