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भूमि फर्जीवाड़ा: ग्रामीणों ने एक महीने का अल्टीमेटम देकर खत्म की भूख हड़ताल

नवनीत बत्ता |

हमीरपुर मुख्यालय के साथ लगते विकास नगर में सौ कनाल सरकारी भूमि के फर्जीवाड़े में निष्पक्ष जांच को लेकर सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीणों ने रविवार दोपहर 12 बजे हड़ताल को समाप्त किया। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को एक महीने का अल्टीमेटम दिया है। इनका कहना है कि अगर एक महीने में मामले की उचित जांच नहीं की जाती है और दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती है तो वह दोबारा भूख हड़ताल पर बैठेंगे।

ग्रामीणों में फिल्लू राम ने बताया कि उन्होंने प्रशासन के समक्ष कुछ मांगें भी रखी हैं, जिनमें बंदोबस्त को निरस्त करने का आदेश देना, एक ही जगह पर कई सालों से तैनात राजस्व विभाग के अधिकारी का तबादला करना, राजस्व रिकार्ड को नष्ट करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाए। साल 1965-66 और 2006-07 के नक्शों की अलग अलग पैमाइश की जाए, सरकारी भूमि पर कब्जा करने वाले निजी स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।

इन सभी मांगों को लेकर ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि यह मांगें पूरी नहीं होंगी तो वह दोबारा अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे। ग्रामीणों ने विकास नगर में 100 कनाल सरकारी भूमि को मलकीयत में तबदील कर रसूखदारों की ओर से उसे करोड़ों रुपये में बेचने के आरोप लगाए हैं। बीते शुक्रवार को एसडीएम हमीरपुर शिल्पी बेक्टा ने इसकी जांच शुरू भी कर दी है।

वहीं, ग्रामीणों ने उपायुक्त डॉ. रिचा वर्मा को इस बारे में शिकायत पत्र सौंपा है। विकास नगर के रहने वाले फिल्लू राम ने कहा कि कुछ रसूखदारों ने करीब सौ कनाल सरकारी जमीन मलकीयती भूमि में तबदील कर उसे लगभग 15 करोड़ में बेच दिया है।