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“एक देश-एक चुनाव” समय की जरूरत: जयराम ठाकुर

जयराम बोले एक देश-एक चुनाव समय की मांग
विधान परिषदों की एक समान व्यवस्था पर भी जोर
सरकार के मंत्री खुद इस्तीफे की बात कर रहे हैं

पराक्रम चंद, शिमला


नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने “एक देश-एक चुनाव” की अवधारणा को देश की जरूरत बताया है और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल चुनावों में खर्च और समय की बचत करेगा बल्कि देश के विकास कार्यों को भी प्रभावित नहीं होने देगा। संसद की संयुक्त समिति की बैठक में अपनी बात रखते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि बार-बार चुनावों के कारण नीति निर्धारण और योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावित होता है

उन्होंने बताया कि 1951 से 1967 तक यह व्यवस्था निर्बाध चली और हिमाचल में 1977 तक विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ हुए। बार-बार चुनाव होने से आदर्श आचार संहिता लागू होती है जिससे विकास योजनाएं रुक जाती हैं। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस पहल की शुरुआत ऐतिहासिक सुधार की दिशा में एक कदम है।

जयराम ठाकुर ने यह भी सुझाव दिया कि देश भर में विधान परिषदों की व्यवस्था भी एक जैसी होनी चाहिए, क्योंकि कुछ राज्यों में यह व्यवस्था है और कुछ में नहीं। उन्होंने कहा कि विधान परिषदों में भी समानता आवश्यक है और समिति के अध्यक्ष पीपी चौधरी ने इस सुझाव की सराहना की और उचित मंच पर उठाने का आश्वासन भी दिया।

इसके साथ ही जयराम ठाकुर ने हिमाचल की कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार में स्वयं के मंत्री और विधायक ही असंतुष्ट हैं और लगातार इस्तीफे की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सबसे युवा मंत्री से लेकर सबसे बुजुर्ग मंत्री तक सरकार से नाराज हैं। हालांकि राजनीतिक दबाव में उन्होंने त्यागपत्र नहीं दिया, लेकिन यह साफ है कि सरकार आंतरिक असंतोष से जूझ रही है

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार के छह विधायक और तीन निर्दलीय पहले ही साथ छोड़ चुके हैं और राज्यसभा चुनाव भी हार चुकी है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार अपने ही नेताओं का विश्वास नहीं जीत पा रही तो वह प्रदेश कैसे चला पाएगी। मुख्यमंत्री की लोकप्रियता भी गिर चुकी है और अब कांग्रेस पार्टी ही कई गुटों में बंट चुकी है।