पंचायती राज विभाग के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि प्रदेश भर में पंचायतों में विभिन्न विकास कार्योंं को सुचारू रूप से चलाने के लिए वैकल्पिक प्रबंध किए गए हैं। कुछ कर्मचारी वर्गों के अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने के कारण पैदा हुई स्थिति से निपटने के लिए विभाग सभी आवश्यक कदम उठा रहा है।
उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर मनरेगा सहित अन्य महत्वपूर्ण विकास कार्य व लोगों के प्रमाण-पत्र इत्यादि से संबंधित दैनिक कार्य किए जाते हैं। वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर लोगों की सुविधा के दृष्टिगत पंचायत सचिवों का कार्यभार ग्राम रोजगार सेवकों, सिलाई अध्यापिकाओं तथा पंचायत चौकीदारों को अस्थाई तौर पर सौंपा गया है। कार्य सुचारू रूप से चलाने के लिए उन्हें वित्तीय शक्तियां भी प्रदान की गई हैं।
इस वैकल्पिक व्यवस्था से प्रमाण-पत्रों सहित पंचायत के अन्य सामान्य कामकाज बहाल करने में सहायता मिली है। उन्होंने कहा कि तकनीकी कर्मचारियों के अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने के कारण मनरेगा के अन्तर्गत श्रमिकों की दिहाड़ी सहित किए गए कार्यों के मूल्यांकन में कठिनाइयां आ रही हैं।
प्रदेश में हाल ही में बरसात के कारण हुई भारी तबाही तथा आपदा के कारण ग्रामीण स्तर पर निजी एवं सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार द्वारा विशेष आर्थिक पैकेज जारी किया गया है। इसके अन्तर्गत प्रभावित परिवारों के घरों एवं गौशालाओं इत्यादि का पुनर्निर्माण, कृषि व बागवानी भूमि के संरक्षण सहित अन्य राहत व पुनर्वास कार्य किए जाने हैं। लेकिन, तकनीकी कर्मियों की अनुपस्थिति से यह कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि इसके दृष्टिगत विभाग ने अब जिला परिषद के सभी मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से विकासात्मक एवं आपदा राहत कार्यों में हो रहे विलम्ब के दृष्टिगत अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित कर्मचारियों सहित सेवाओं से संबंधित अन्य बिन्दुओं पर ब्यौरा मांगा है। यह ब्यौरा निदेशालय को 18 अक्तूबर, 2023 तक भेजा जाना अपेक्षित है।
उन्होंने कहा कि आपदा राहत एवं पुनर्वास कार्यों में अनावश्यक देरी न हो तथा प्रभावित परिवारों को सभी तरह की सहायता व अन्य लाभ समय पर सुनिश्चित करने के लिए पंचायती राज विभाग कृतसंकल्प है। इसके लिए आवश्यकता अनुसार सभी वैकल्पिक प्रबंध भी किए जा रहे हैं।