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चंबा की सड़कों पर नहीं कोई क्रैश बैरियर, जान जोखिम में डाल सफर करने को मजबूर हैं लोग

मृत्युंजय पुरी |

चंबा जिला की सड़कों की हालत कितनी खराब है कि वहां पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है।  जिला की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां की सड़के बहुत ऊंचाई और ढलानदार है यही वजह  हैं  की अक्सर यहां पर सड़क हादसे होते रहते हैं। इन सड़क हादसों में अब तक सैकड़ों लोग अपनी बेशकीमती जान गवा चुके हैं। जिसका मुख्य कारण वहां हादसे की जगह पर पैराफिट या फिर क्रैश बैरियर का ना होना माना जाता है। लेकिन बावजूद इसके विभाग की ओर से ब्लैक स्पॉट तय करने के बाद भी यहां क्रैश बैरियर नहीं लगाए जाते हैं।

अगर अभी कुछ ही महीनों  की बात करे तो चम्बा जिला की अलग अलग सड़क हादसों में दर्जनों लोग अपनों से सदा के लिए बिछड़ चुके हें।  इन सड़कों पर जहां जहां विभाग द्वारा पेरफित व क्रेश बेरियर लगे हें उनकी वजह से कई बड़े हादसे टल भी चुकें हे यही कारण है की  लोग सरकार से हमेशा पेराफिट व क्रेश बेरियर मांग करते रहते हैं।

चंबा जिला की जसोरगढ़ पंचायत की बात करें तो वहां की सड़कें हमेशा ही हादसों को न्यौता देती दिखती है।  जीरो पॉइंट से जसोरगढ़ तक पहुंचने के रास्ते इतने खतरनाक हैं की यहां हमेशा ही सड़क हादसे का खतरा बना रहता है।  हैरानी की बात यह है कि चम्बा जिला में इतने सड़क हादसे होने के बावजूद भी विभाग की आंखें नहीं खुली है।

वाहन चालकों और स्थानीय लोगों ने बताया कि इस रोड पर कोई क्रैश बैरियर या  पैराफिट ना होने की वजह से यहां सफर करना खतरे से खाली नहीं है। उन्होंने बताया की यहां की सड़के  इतनी खतरनाक हे की यहां हमेश ही हादसों का खतरा बना रहता हें। लोगों ने विभाग से एक बार फिर आग्रह किया है कि इस सड़क पर क्रैश बैरियर  या पैराफिट लगाया जाएं ताकि लोग चैन से सफर तय कर सकें।

सड़क पर क्रैश बैरियर या पैराफिट लगवाने के बारे में जब लोक निर्माण विभाग के अधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने बताया की इस सड़क के बारे में सरकार को अवगत करवा दिया गया है और जल्द ही सड़क की चौड़ाई व  क्रैश बैरियर  या पैराफिन लगवाने की अनुमति आने वाली है और जल्द ही इस काम को अंजाम दिया जायेगा।