परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ने बताया कि हिमाचल पथ परिवहन निगम में कार्यरत कर्मचारियों की देय राशि का चरणबद्ध और नियमित रूप से भुगतान किया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम में कार्यरत कर्मचारियों के सभी वर्गों के वेतन, भत्ते इत्यादि तय समय अवधि के दौरान दिये जा रहे हैं। राज्य सरकार हिमाचल पथ परिवहन निगम में वर्षों से चली आ रही घाटे की नीति को समाप्त करने के लिए प्रयासरत है।
निगम में पेंशन भोगियों को भी उनकी मांग और अधिकारों के अनुरूप समय-समय पर देय राशि का भुगतान किया जा रहा है। पेंशन भोगियों की मांगों को ध्यान में रखते हुए वर्तमान सरकार ने पिछली सरकार की तुलना में पेंशनरों की देय राशि का समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित किया है।
बिक्रम सिंह ने कहा कि पिछली सरकार ने अपने पांच वर्षों के कार्यकाल में पेंशनरों को डीसीआरजी. के रूप में 105.50 करोड़ रुपये की धनराशि की अदायगी की थी, जबकि वर्तमान सरकार मात्र चार वर्षों में ही इस मद पर 116.42 करोड़ रुपये की अदायगी कर चुकी है। इसी प्रकार पिछली सरकार ने पेंशनरों को लीव एनकैशमैन्ट के रूप में 70.50 करोड़ रुपये की अदायगी की थी, जबकि वर्तमान सरकार मात्र चार वर्षों में 69.89 करोड़ रुपये की अदायगी कर चुकी है। चिकित्सा बिलों के एवज़ में पिछली सरकार ने पेंशनरों को 7.53 करोड़ रुपये की अदायगी की, जबकि वर्तमान सरकार इस पर 12.23 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च कर चुकी है। पेंशन व कम्युटेशन की मद पर पिछली सरकार ने पैन्शनरों को 408.87 करोड़ रुपये प्रदान किए, जबकि वर्तमान सरकार अब तक 620.04 करोड़ रुपये की अदायगी कर चुकी है।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने अपने कार्यकाल में पेंशनरों को कुल 592.40 करोड़ रुपये की अदायगी की थी, जबकि वर्तमान सरकार मात्र चार वर्षों में ही 818.58 करोड़ रुपये की अदायगी कर चुकी है। इसके अलावा पिछली सरकार के कार्यकाल में पेंशन के 278 मामले लम्बित थे, जबकि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में मात्र तीन मामले लम्बित हैं। इसी प्रकार 31 दिसंबर, 2017 तक पैन्शन के लम्बित मामलों में 12.04 करोड़ रुपये की अदायगी लम्बित थी, जबकि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 31 जनवरी, 2022 तक मात्र 16 लाख रुपये की अदायगी लम्बित है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा हिमाचल पथ परिवहन निगम के 177 पैन्शनरों के पक्ष में माह मई, 2021 से 31 दिसंबर, 2021 तक मात्र सात महीनों की अवधि में पैन्शन व कम्युटेशन के रूप में 10.03 करोड़ रुपये प्रदान किए जा चुके हैं।