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कुछ ऐसा करें मौत के बाद भी जिंदा रहें, IGMC में नेत्रदान के लिए आगे आ रहे लोग

डेस्क |

समाज में अंगदान को लेकर तरह-तरह की भ्रांतियां है, वहीं प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल IGMC में आंखें दान करने के लिए शपथ लेने वालों का आंकड़ा भी कम नहीं है। अब तक आईजीएमसी में 850 लोग आंखें दान करने की शपथ ले चुके हैं।

आईजीएमसी के चिकित्सकों व नर्सेज की मोटिवेशन से आज तक आईजीएमसी में 200 लोगों को दुनिया देखने के लिए रोशनी दी है। हालांकि अभी भी 150 लोग वेटिंग मे है, जिन्हें अभी आंखें चाहिए। इसके लिए आईजीएमसी की आई बैंक की टीम प्रयास कर रही है। जिन लोगों ने नेत्रदान किया है, उनकी मृत्यु के बाद आई बैंक की टीम उन्हें आईजीएमसी लाने व घर तक वापिस छोड़ने का पूरा खर्चा करती है।

आईजीएमसी में राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा शुरू हो रहा है। मरने के बाद भी आपकी आंखे दुनिया देखे, इसके लिए जरूरी है कि आप अपनी आंखें दान करें। इसी मोटिवेशन के साथ आईजीएमसी में राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े का शुभारंभ हुआ। पहले दिन आई बैंक की टीम ने आईजीएमसी में बैनर व पंपलेट लगाए।

इसके अलावा कल से आईजीएमसी में स्पेशल लेक्चर शुरू होंगे। इस दौरान लोगों को आंखें दान करने के लिए भी मोटिवेट किया जाएगा। आईजीएमसी में वार्डों में एडमिट मरीजों को भी नेत्रदान का महत्व समझाया जाएगा। 8 सितंबर तक चलने वाले इस पखवाड़े में विभिन्न प्रतियोगिताएं भी होंगी।

आई बैंक के नोडल अधिकारी डॉ. रामलाल ने बताया कि आईजीएमसी में अब तक 200 लोगों को आंखें लगाई गई हैं और150 लोग अभी वेटिंग में हैं। आईजीएमसी में 850 लोगों ने आंखें दान करने के लिए शपथ पत्र भी भरा है।