<p>कांगड़ा जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विक्रम कटोच ने जानकारी देते हुए बताया कि कोविड-19 के साथ-साथ लोगों को स्वास्थ्य विभाग की सभी योजनाओं व बीमारियों के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि अब बरसात का मौसम आने वाला है इसमें स्क्रब टाइफस फैलने का खतरा अधिक होता है, अगर लोगों को इसके बारे में जानकारी हो तो इससे समय रहते बचा जा सकता है।</p>
<p>जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि स्क्रब टाइफस एक रिकेटसिया नामक जीवाणु से फैलता है जो कि पिसुओं में पाया जाता है। संक्रमित पिस्सू, जंगली चूहों में पाए जाते हैं जोकि घरों के आस-पास उगी घास तथा खेतों में से आकर घरों में आ जाते हैं और पिस्सू उन्ही से घरों में फैल जाते हैं। संक्रमित पिस्सू स्वस्थ आदमी को काटता है और स्क्रब टाइफस फैलाता है।</p>
<p>इससे बचने के लिए डॉ.कटोच ने बताया कि घर के आस-पास घास या झाड़ियां न उगने दें तथा समय-समय पर सफाई करते रहें। शरीर को स्वच्छ रखें और हमेशा साफ कपड़े पहने। आसपास जलजमाव बिल्कुल न होने दें। घर के अन्दर और आसपास कीटनाशक दवाओं का छिड़काव अवश्य करें। खेतों में काम करते समय अपने हाथ पैरों को अच्छे से ढक कर रखें।</p>
<p>डॉ. कटोच बताते हैं कि बरसात के मौसम में इस बीमारी के रोगियों की संख्या बढ़ जाती है। समय पर डॉक्टर को दिखाने पर इसका आसानी से इलाज संभव है। यह रोग एक आदमी से दूसरे को नहीं फैलता है। स्क्रब टायफस का ज्यादा प्रकोप जुलाई से अक्तूबर महीने तक रहता है। इस मौसम में अधिकतर लोग खेतों और घासनियों में घास काटते हैं। इस कारण पिस्सू उन्हें काट लेता है, जिसे लोग गंभीरता से नहीं लेते हैं।</p>
<p><span style=”color:#e74c3c”><strong>ये हैं स्क्रब टाइफस के लक्षण</strong></span></p>
<p>डॉ. विक्रम कटोच बताते हैं कि स्क्रब टाइफस वाले मरीज को 104 से 105 डिग्री तक बुखार होता है, जोड़ों में दर्द, गर्दन, बाजुओं के निचले भाग व कुल्हों में गिल्टियां होना इसके लक्षण होते हैं। उन्होंने बताया कि कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरन्त नजदीक के स्वाथ्य केन्द्र जाकर डाक्टर को दिखाएं, अपनी मर्जी से दवा न खाएं। उन्होंने सभी को सलाह दी कि उपरोक्त बताए गए बचाव के तरीकों पर अवश्य अमल करें और अपने आप को स्क्रब टाइफस से बचाएं।</p>
<p>डॉ. कटोच का कहना है कि लोगों को स्क्रब टाइफस और अन्य जीवाणु तथा वायरस जनित रोगों से बचाव को लेकर शिक्षित एवं जागरूक करने पर बल दिया जा रहा है। उन्होंने इस लोकोन्मुखी प्रयास में सभी से सक्रिय भागीदारी तथा इन रोगों से बचाव के लिए एहतियात बरतने का आग्रह किया है।</p>
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