आज का पंचांग – 05 फरवरी 2025
📅 राष्ट्रीय मिति: माघ 16, शक संवत 1946
📅 विक्रम संवत: 2081
📅 हिजरी संवत: 1446 (शब्बान 06)
🌞 सौर मास: माघ मास प्रविष्टे 23
🕉️ तिथि: माघ शुक्ल अष्टमी (अर्धरात्रि 12:36 बजे तक) उपरांत नवमी
🌌 नक्षत्र: भरणी (रात्रि 08:33 बजे तक), उपरांत कृतिका
🕉️ योग: शुक्ल (रात्रि 09:19 बजे तक), उपरांत ब्रह्म
🌓 करण: विष्टि (दोपहर 01:34 बजे तक), उपरांत बालव
🌙 चंद्रमा: मेष (अर्धरात्रि 02:16 बजे तक), उपरांत वृष
🌞 सूर्य उत्तरायण, दक्षिण गोल, शिशिर ऋतु
📿 आज के व्रत एवं त्योहार
🙏 भीष्माष्टमी
🌅 सूर्योदय एवं सूर्यास्त
🌅 सूर्योदय: सुबह 7:06 बजे
🌇 सूर्यास्त: शाम 6:03 बजे
✨ आज के शुभ मुहूर्त
🕐 ब्रह्म मुहूर्त: 5:22 AM – 6:15 AM
🏆 विजय मुहूर्त: 2:25 PM – 3:09 PM
🌃 निशीथ काल: 12:09 AM – 1:01 AM
🌆 गोधूलि बेला: 6:01 PM – 6:27 PM
💎 अमृत काल: 7:06 AM – 8:28 AM
⚠️ आज के अशुभ मुहूर्त
⛔ राहुकाल: 12:00 PM – 1:30 PM
⛔ गुलिक काल: 10:30 AM – 12:00 PM
⛔ यमगंड: 7:30 AM – 9:00 AM
⛔ दुर्मुहूर्त: 12:13 PM – 12:57 PM
⛔ भद्राकाल: 7:07 AM – 1:31 PM
🙏 आज का उपाय
📿 गणेशजी के मंत्रों का 108 बार जप करें और उन्हें दूर्वा अर्पित करें।
आज 5 फरवरी 2025, बुधवार को माघ शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है, जो अर्धरात्रि 12 बजकर 36 मिनट तक रहेगी, इसके बाद नवमी तिथि प्रारंभ होगी। भरणी नक्षत्र रात्रि 08:33 बजे तक रहेगा, इसके बाद कृतिका नक्षत्र का प्रभाव रहेगा। शुक्ल योग रात्रि 09:19 बजे तक रहेगा, उसके बाद ब्रह्म योग प्रारंभ होगा। विष्टि करण अपराह्न 01:34 बजे तक रहेगा, उसके बाद बालव करण प्रभावी होगा। चंद्रमा अर्धरात्रि 02:16 बजे तक मेष राशि में रहेगा, उसके बाद वृष राशि में प्रवेश करेगा।
आज भीष्माष्टमी का व्रत मनाया जा रहा है, जिसे पितरों की मुक्ति और जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए किया जाता है। सूर्योदय का समय सुबह 07:06 बजे और सूर्यास्त का समय शाम 06:03 बजे रहेगा। आज के शुभ मुहूर्तों में ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05:22 बजे से 06:15 बजे तक, विजय मुहूर्त दोपहर 02:25 बजे से 03:09 बजे तक और गोधूलि बेला शाम 06:01 बजे से 06:27 बजे तक रहेगा।
आज के अशुभ मुहूर्तों में राहुकाल दोपहर 12:00 बजे से 01:30 बजे तक रहेगा, गुलिक काल सुबह 10:30 बजे से 12:00 बजे तक और यमगंड सुबह 07:30 बजे से 09:00 बजे तक रहेगा।
आज के दिन शुभ फल प्राप्त करने के लिए गणेश जी के मंत्रों का 108 बार जप करें और दूर्वा अर्पित करें।