मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिमला से राज्य के फार्मा उद्योग के प्रमुखों के साथ वर्चुअल माध्यम से बैठक की। मुख्यमंत्री ने उनसे सामूहिक रूप से महामारी से लड़ने के लिए अपना पूरा सहयोग प्रदान करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य एशिया के फार्मा हब के रूप में उभरा है और पिछले एक साल से अधिक समय से कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ने में राष्ट्र की सहायता करने में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। पहली लहर के दौरान भारत ने संयुक्त राज्य अमेरिका को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन (एचसीक्यू) की 50 मिलियन टेबलेट भेजी थीं और हिमाचल प्रदेश ने मानवता की सुरक्षा के लिए इस वैश्विक प्रयास में एचसीक्यू का निर्माण किया।
उन्होंने कहा कि महामारी की दूसरी लहर अधिक घातक है और ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए हिमाचल प्रदेश पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली जैसे पड़ोसी राज्यों के लिए जीवन रेखा बनकर उभरा है। यही नहीं, डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुमोदित कोविड किट और कई जीवनरक्षक दवाएं हिमाचल प्रदेश में निर्मित की जा रही हैं। उन्होंने फार्मा कंपनियों से अपने उत्पादन स्तर को बढ़ाने का आग्रह किया और उन्हें आश्वासन दिया कि राज्य सरकार सभी आवश्यक सहायता और सहयोग प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र में पेशेवर होने के नाते प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश को फार्मा क्षेत्र में अग्रणी निर्यातकों में से एक बनाने के लिए फार्मा उद्योग की भागीदारी चाहती है। राज्य सरकार व्यापार में सुगमता को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और उद्योगों के समर्थन के फलस्वरूप राज्य ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में देश में 7वां स्थान प्राप्त किया है। सरकार प्रदेश में वैक्सीन की आपूर्ति के दृष्टिगत फार्मा कंपनियों के श्रमिकों का टीकाकरण प्राथमिकता के आधार पर करवाने की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी। उन्होंने फार्मा उद्योग को आश्वासन दिया कि उनकी सभी मांगों और मुद्दों का भी शीघ्र निवारण किया जाएगा।