Categories: हिमाचल

मोदी और धूमल ने साथ किया था कारगिल दौरा, दोनों ही हुए थे भावुक, लेकिन सैनिकों जजबा देखने वाला था

<p>कारगिल को लेकर भारत और पाकिस्तान में मई से जुलाई 1999 के दौरान 3 माह तक युद्ध जैसी स्थिति बनी रही। जिसमें भारत के 527 वीर जवान वीरगति को प्राप्त हुए जबकि, पाकिस्तान को इस युद्ध की भारी कीमत चुकानी पड़ी और हजारों की संख्या में उनके जवान मारे गए । इसमें हिमाचल के 52 सुबूत वतन की रक्षा करते हुए कुर्बान हो गए। उस समय हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल हुआ करते थे और क्योंकि खुद सैनिक परिवार से संबंधित हैं। इसलिए कारगिल के समय वह खुद को रोक नहीं पाए और श्रीनगर घायलों से मिलने पहुंच गए थे।</p>

<p>&nbsp;उस समय हिमाचल प्रदेश के प्रभारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे जो धूमल के साथ श्रीनगर पहुंचे थे। मोदी और धूमल उस समय दोनों ही श्रीनगर पहुंचे धूमल उस समय को याद करते हुए कहते हैं कि वह समय मेरे जीवन का बहुत अधिक भावुक समय था क्योंकि हमारा युवा सरहदों पर शहीद हो रहा था और उस समय में हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री था।</p>

<p>हर दिन शहादत के बाद हिमाचल प्रदेश में गम का माहौल देखने को मिल रहा था । उन्होंने बताया कि उन्हीं के विधानसभा क्षेत्र बमसन के बगलू&nbsp; गांव के हवलदार राजकुमार और ऊहल गांव के हवलदार कश्मीर सिंह दोनों एक साथ सेवा सेना में भर्ती हुए थे और जब कारगिल की लड़ाई हुई तो दोनों ही उस लड़ाई का हिस्सा बने और दोनों ही उस लडई में शहीद भी हो गए।</p>

<p>उन्होंने कहा कि इस तरह से इन दो सैनिकों का जीवन एक साथ बीता। धूमल ने बताया कि जब मैं इन परिवार से मिलने जा रहा था तो उस समय यह सोच रहा था कि उनके घर पर क्या बात करूंगा क्या बोलूंगा उसके बूढ़े मां बाप को। लेकिन उस समय जब मैं उनके घर पर गया तो शहीद के पिता ने कहा कि मुझे मेरे बेटे की शहादत पर गर्व है कि वह आज हमारे देश के काम आया और जरूरत पड़ेगी तो मैं खुद भी युद्ध करने के लिए तैयार हूं। उन्होंने कहा कि इस तरह की देशभक्ति देखकर ना उस समय और अधिक भावुक होगा।</p>

<p>वहीं, उन्होंने श्रीनगर के अपने दौरे की बात करते हुए बताया कि मैं और मोदी सैनिकों की हौसला अफजाई के लिए जब कारगिल गए और वहां पर एक अस्पताल में घायलों से मिल रहे थे तो इस दौरान हमने एक सैनिक को फल दिए लेकिन उसने हमसे कोई बात नहीं की तो मैंने सोचा कि यह शायद राजनेताओं से नाराज हैं। इसलिए बात नहीं कर रहा और इसकी यही बात मैंने वहां पर एक सैनिक अफसर से ही की, तो तभी उस अफसर ने बताया कि इसके दोनों बाजू लड़ाई में कट गए हैं इसलिए यह अपने हाथ नहीं हिला पा रहा है ।</p>

<p>उसके बाद मैं दोबारा उस अफसर के पास पहुंचा और मैंने उससे पूछा कि दर्द कैसा है तो उसने हंसते हुए कहा कि सर दर्द तो नहीं है लेकिन आज बहुत खुश हूं क्योंकि कारगिल की लड़ाई हमने जीत ली है। इस तरह से पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने अपने 1999 के कारगिल के समय को याद किया और कहा कि सैनिकों को उनका हक मिले इसके लिए उन्होंने पूरे प्रयास अपने कार्यकाल के दौरान किए हैं।</p>

Samachar First

Recent Posts

गगल एयरपोर्ट विस्तार: हाईकोर्ट ने प्रभावितों को भूमि से न हटाने का आदेश

Gaggal Airport Expansion Case : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने गगल हवाई अड्डे के विस्तारीकरण मामले…

4 minutes ago

दडूही पंचायत के ग्रामीण बोले, “नगर निगम में शामिल नहीं होना चाहते”

Himachal Villagers Protest Tax Burden: हमीरपुर जिले की दडूही पंचायत के  ग्रामीण सोमवार को उपायुक्त…

3 hours ago

नाहन के चौगान मैदान में खो-खो का रोमांच

Nahan Kho-Kho Tournament: सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन के ऐतिहासिक चौगान मैदान में अंतर महाविद्यालय खो-खो…

3 hours ago

हमीरपुर में भाजपा ने जोड़े 1.05 लाख नए सदस्य, गुटबाजी के आरोप खारिज

Hamirpur BJP Membership Drive: हिमाचल प्रदेश में 3 सितंबर से शुरू हुए भारतीय जनता पार्टी…

3 hours ago

कांग्रेस नेता बोले, विकट परिस्थितियों में जनता के लिए फैसले लिए, भाजपा करती रही षड्यंत्र

Himachal Congress vs BJP: कांग्रेस के पूर्व मुख्य प्रवक्ता प्रेम कौशल ने भाजपा के 11…

3 hours ago

हाईकोर्ट ने एचपीटीडीसी के होटलों को बंद करने के आदेश पर लगाई रोक

हाईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के घाटे में चल रहे 9 और…

5 hours ago