भाजपा के कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी डॉ राजीव भारद्वाज ने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को नई ऊंचाई तक पहुंचने का कार्य किया है। भारत की आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान है, पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत के वैश्विक संबंध बड़े है और यह मोदी के प्रयासों के बिना संभव नहीं था। भारत की हथकरघा और हस्तकला कूटनीति भारत की समृद्ध परंपरा हथकरघा और हस्तशिल्प में समाहित है, जिसमें 2019-20 अखिल भारतीय हथकरघा जनगणना के अनुसार लगभग 31.44 लाख परिवार इस क्षेत्र में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।
पिछले दशक में राष्ट्र ने ताज महल की मूर्तियाँ उपहार में न देकर वैश्विक नेताओं को श्रीमद्भगवद्गीता भेंट की। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘वोकल फॉर लोकल’ को बढ़ावा देते हैं, स्थानीय कारीगरों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को उपहार में देकर भारतीय हस्तकला के एंबेसेडर बन गए हैं। यह न केवल हस्त शिल्पकारों के कौशल को प्रदर्शित करता है, बल्कि उन्हें सशक्त भी बनाता है, जो दुनिया भर में भारतीय हथकरघा और हस्तशिल्प के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में प्रस्थापित हो रहा है, जो विकसित भारत की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है। 2022 में जी7 नेताओं को काली मिट्टी के बरतन, गुलाबी मीनाकारी ब्रोच, हैड पैंटेड चाय सेट (निजामाबाद, वाराणसी, बुलंदशहर) भेंट दिए गए। 2023 में जी20 नेताओं को (कश्मीर, असम, तमिलनाडु) के पश्मीना स्टोल, मुगा सिल्क स्टोल, कांजीवरम स्टोल, पेपर माचे डिब्बियों में भेंट दिए गए। 2023 में अमेरिकी राष्ट्रपति और प्रथम महिला को 7.5 कैरेट हरा हीरा, नक्काशीदार चंदन का डिब्बा भेंट दिए गए।
2023 में फ्रांस के राष्ट्रपति को चंदन सितार और पोचमपल्ली इक्कत भेंट में दिए गए। 2022 में यूरोपीय राष्ट्र के अध्यक्षों को छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात के ढोकरा नावें, कोफ्तगिरी कला, कच्छी कढ़ाई भेंट दी गई और कई अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में प्रधानमंत्री जी ने हिमाचल की टोपी भेंट भी करी और पहनी भी, हिमाचल की आन बान शान को भी अंतरराष्ट्रीय पटेल तक पहुंचाने का कार्य किया।