Categories: हिमाचल

पौंग डैम पर्यटन की दृष्टि से होगा विकसित, इस साल प्रदेशभर में 1.20 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य: CM

<p>राज्य सरकार पौंग बांध जलाशय को पर्यटन आकर्षण के रूप में विकसित करने का प्रयास कर रही है। इस जलाशय में प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं, जिसके कारण यह पक्षी प्रेमियों के लिए आकर्षण का बड़ा केंद्र है। उन्होंने कहा कि सरकार वन्य जीव क्षेत्रों में विभिन्न विकासात्मक गतिविधियां सुनिश्चित कर रही है जिससे पारिस्थितिकी तंत्र और वन्य जीवन को कम से कम नुकसान हो। पर्यावरण और वन्य प्राणियों का संरक्षण हमारा नैतिक कर्तव्य है, क्योंकि यह स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश वन्य प्राणी बोर्ड की 9वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।</p>

<p>मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास और पारिस्थितिकी संरक्षण में बेहतर तालमेल समय की आवश्यकता है। हिमालयी राज्य होने के नाते हिमाचल प्रदेश के पारिस्थितिकी संतुलन में वन महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और राज्य सरकार वनीकरण पर विशेष ध्यान दे रही है। वर्तमान वर्ष के दौरान 1.20 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राज्य के वनों में समृद्ध जैव-विविधता है और लोगों को चारा, ईमारती लकड़ी और चिकित्सीय पौधों की उपलब्धता के अतिरिक्त ये विभिन्न प्रकार के वन्य जीवों की प्रजातियों को भी आश्रय प्रदान करते हैं। उन्होंने मानवता के कल्याण के लिए पारिस्थितिकी संतुलन की आवश्यकता पर बल दिया।</p>

<p>जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 15 प्रतिशत हिस्सा संरक्षित क्षेत्र के अधीन आता है। राज्य में पांच राष्ट्रीय पार्क, 25 वन्य जीव अभ्यरण्य और तीन प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र हैं। राज्य सरकार विभिन्न विलुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के लिए राज्य में वन्य जीव संरक्षण कानून को सख्ती से लागू कर रही है। उन्होंने प्रदेश में ट्रैगोपेन के कैप्टिव प्रजनन की सफलता पर पर प्रसन्नता व्यक्त की। जय राम ठाकुर ने कोविड-19 महामारी के दौरान वन विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों की सराहना की।</p>

<p>उन्होंने कहा कि थुनाग, पंजुत-लम्बा सफर-चिलमगढ़-शिकारी माता सड़क के उन्नयन के लिए शिकारी देवी वन्य जीव अभ्यरण्य में 2.80 हेक्टेयर वन भूमि के परिवर्तन के मामले को उपयुक्त प्राधिकरण के समक्ष उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस सड़क के स्तरोन्नयन से स्थानीय लोगों के अतिरिक्त प्रत्येक वर्ष शिकारी माता आने वाले पर्यटकों को भी सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री ने दोहरानाला-शिल्लीराजगिरी (चेष्टा) सड़क को कुल्लू जिला के लौट और रोहलांग गांवों तक विस्तार देने के लिए खोखण वन्य जीव अभ्यरण्य से 1.55 हेक्टेयर वन भूमि को परिवर्तित करने के लिए विभाग को निर्देश दिए।</p>

<p>&nbsp;</p>

Samachar First

Recent Posts

‘सरकार की देनदारियों के चलते अस्पतालों में नहीं मिल पा रहा आयुष्मान और हिमकेयर योजना का लाभ’

भाजपा ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार ने भाजपा द्वारा…

12 hours ago

लाहौल स्पीति में 624बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता घर से कर रहें मतदान

केलांग: लोकसभा आम चुनाव और विधानसभा उपचुनाव के दृष्टिगत लाहौल स्पीति (21) जनजातीय विधानसभा क्षेत्र…

12 hours ago

विश्व प्रसिद्ध रौरिक आर्ट गैलरी में भारत से लगभग चित्रकारों के लिए 3 दिवसीय प्रदर्शनी

आज विश्व प्रसिद्ध रौरिक आर्ट गैलरी नगर मनाली हि o प्र o में स्पंदन 3…

12 hours ago

बिकाऊ पूर्व विधायक लखनपाल की जुबान मीठी, दिल काला : मुख्यमंत्री

बड़सर: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बड़सर के बिके हुए पूर्व विधायक…

12 hours ago

ज्वालामुखी में हंस फाउंडेशन का स्वास्थ्य शिविर

ज्वालामुखी मेडिकल ब्लॉक में कार्यांवित संस्था हँस फाउंडेशन की मोबाईल मेडिकल यूनिट 2 ने 19…

12 hours ago

शिमला पहुंचे AICC प्रवक्ता आलोक शर्मा ने 4 जून को इंडिया गठबंधन की सरकार बनने का किया दावा

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता आलोक शर्मा ने शिमला में प्रेस वार्ता के…

12 hours ago