<p>चंबा में रावी नदी पर बन रहे 180 मेगावाट पावर प्रोजेक्ट का निर्माण करने वाली कंपनी द्वारा नियमों के खिलाफ ठेंगा दिखाते हुए अवैध डंपिंग पर प्रशासन ने सख्ती दिखाई है। सरकारी भूमि पर डंपिंग कर पेड़ों को तहस-नहस करने पर कंपनी को साढ़े तीन लाख रुपये जुर्माना ठोका है।</p>
<p>कंपनी के खिलाफ दो अलग-अलग मामलों में वन विभाग की ओर से यह कार्रवाई अमल में लाई गई है। हलांकि कंपनी प्रबंधन की ओर से एक मामले से जुड़ी जुर्माने की राशि विभाग के समक्ष जमा भी करवा दी है। यह पहला मामला नहीं है कि पावर प्रोजेक्ट का निर्माण करने वाली कंपनी ने वन नियमों की अवहेलना की हो, पूर्व में भी कंपनी पर वन विभाग की ओर से जुर्माने लगाए गए हैं।</p>
<p>बावजूद इसके कंपनी प्रबंधन नियमों को तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। नतीजतन वन विभाग ने भी कंपनी पर शिंकजा कसते हुए कार्रवाई की है। बता दें कि जिले के भरमौर क्षेत्र में जीएमआर 180 मेगावाट की जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य कर रही है। कंपनी प्रबंधन की ओर से प्रोजेक्ट का सिविल वर्क गैमन कंपनी को सौंपा है। पता चला है कि कंपनी ने अपने क्रशर प्लॉट के पास मौजूद मलबे के किनारे से सड़क निकालने के दौरान प्याक के पेड़ों को तहस-नहस कर दिया था।</p>
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