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टाउन हॉल को लाल किला बनने से बचाएं, पूर्व मेयर की जनता से अपील

पी. चंद, शिमला |

पूर्व मेयर संजय चौहान ने शिमला की जनता से ऐतिहासिक धरोहर टाउन हॉल को बचाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से आज देश की आज़ादी का सबसे बड़ा प्रतीक लाल किला डालमिया के रहमोकरम पर छोड़ दिया गया है। क्या हमारे इस टाउन हॉल का भविष्य भी यही होने जा रहा है! उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि हम सबको मिलकर शिमला में जनता की इस ऐतिहासिक धरोहर को लाल किला बनने से बचाना होगा।

संजय चौहान ने कहा कि नगर निगम शिमला का टाउन हॉल केवल एक ऐतिहासिक धरोहर ही नहीं बल्कि शहर की विकास गाथा का एक बड़ा प्रतीक भी है। इस टाउन हॉल को बड़ी मेहनत से संजोया गया है। जो लोग इसे किसी विभाग या संस्था को देने की बातें कर रहे हैं शायद वो इसके जीर्णोद्धार के लिए किए गए कार्यों से अवगत नहीं है। उन्हें इस बात का आभास नहीं है कि इसका निर्माण किस रूप से किया गया है।
 
चौहान ने कहा कि नगर निगम की संपत्ति होने के नाते बतौर महापौर अपना उत्तरदायित्व निभाते हुए हम इस कार्य में 4 वर्ष से अधिक समय से प्रत्यक्ष रूप से जुड़े थे। इसका कार्य करने वाली एजेंसी को समय-समय पर इसके कार्य को लेकर दिशा निर्देश देते रहे हैं। इसके जीर्णोद्धार कार्य के दौरान इस इमारत के ऐतिहासिक महत्व को पूर्ण ध्यान दिया गया है। इसमें एक मंजिल में महापौर, उपमहापौर, आयुक्त के कार्यालय के साथ एक सम्मेलन कक्ष भी है। निचली मंजिल में मीटिंग हॉल, पार्षदों के लिए जनता से मिलने का स्थान, जन संपर्क और सहायता के लिए जनसेवा केंद्र, सहायक आयुक्त का कार्यालय तथा जनता की सुविधा के लिए प्रसाधन का प्रावधान भी किया गया है। सबसे ऊपर की मंजिल को खाली रखा गया था जिसमे कुछ नया करने की योजना थी।

हमारा सुझाव है कि इसमें शिमला शहर और नगर निगम के गौरवपूर्ण सफर को दर्शाया जाए ताकि हर शहरवासी और शहर में आने वाले को शिमला के इतिहास से परिचित करवाया जाए। लेकिन आज कुछ ऐसे विचारों के लोग भी हैं जो हर वस्तु में केवल व्यापार ही सोचते हैं और उसके सामाजिक महत्व को केवल अपने लाभ से जोड़कर देखते हैं। वह इस सार्वजनिक हित की ऐतिहासिक धरोहर को भविष्य में व्यापार का जरिया समझ रहे हैं। वह इस बहस को तूल दे रहे हैं कि टाउन हॉल नगर निगम को नहीं दिया जाना चाहिए। शायद वह ये भूल गए हैं कि यह जनता द्वारा चुनी हुई नगर निगम की संपत्ति है। इसका इस्तेमाल जनता की बेहतरी के लिए ही किया जा सकता है न कि व्यापार करने के लिए।