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केवल ट्यूशन फीस ही ले सकते हैं निजी स्कूल, स्कूलों को छात्रों से लिए जाने वाले फंड का ब्यौरा देना होगा: शिक्षा विभाग

समाचार फर्स्ट डेस्क |

प्रारम्भिक शिक्षा उप निदेशक कांगड़ा राजकुमार शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि निजी स्कूल अपनी पाठशालाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों से साल 2019-20 की तरह इस वर्ष अन्य निधि(फंड) को छोड़कर केवल ट्यूशन फीस ही ले सकते हैं और वह भी पिछले वर्ष की ट्यूशन से ज्यादा न हो। उन्होंने बताया कि कोई भी निजी स्कूल एक साल या छः महीने या तीन महीनों की टयूशन फीस एक साथ न लें, केवल प्रति महीना ही ट्यूशन फीस ली जाए। यदि कोई छात्र फीस न दे सके तो उसका नाम पाठशाला से ना काटा जाए। सभी स्कूलों को अपने विद्यार्थियों से लिये जाने वाले फंडों का ब्यौरा देना होगा। जिसमें ट्यूशन फीस और अन्य फंड दर्शाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि सभी निजी स्कूलों को हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग के आरटीई एक्ट और आदेशों का पालन करना होगा।

उन्होंने बताया कि स्कूलों में कार्यरत सभी अध्यापक और गैर शिक्षक स्टाफ को उनके वेतन का भुगतान करना होगा। सभी अभिभावकों को निजी स्कूलों में दाखिला करवाने से पहले स्कूल की मान्यता चैक करनी होगी। सभी निजी और सरकारी स्कूलों में 30 जून, 2020 तक छुट्टियां रहेंगी और छुट्यिों के दौरान सभी अध्यापक अपने अधीन शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों से ऑनलाइन पढाई व अन्य गतिविधियां करवाने के लिए जुड़े रहें।

उपनिदेशक ने कहा कि हर घर पाठशाला के तहत ‘‘मेरा विद्यालय-मेरे बच्चे’’ कार्यक्रम में  बीआरसीसी/ अध्यापकों के माध्यम से बच्चों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग/व्हाट्स एप/गूगलमीट पर जोड़ने का प्रयत्न करें। जिसमें अभी तक बच्चों के साथ 8 बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के तहत लगभग 30 शिक्षकों और अभिभावकों और 55 बच्चों के साथ बात हो चुकी है। उन्होंने सभी बीईईओ/बीआरसीसी को अपने अधीनस्थ खंड से प्रत्येक दो-दो स्कूलों के बच्चों को वीडियो कॉन्फ्रेंस करवाना सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।