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चंबा मेडिकल कॉलेज की बिगड़ी सेहत, मरीजों को फर्श पर काटनी पड़ रही रातें

समाचार फर्स्ट |

क्षेत्रिय अस्पताल चंबा को मेडिकल कॉलेज का दर्जा मिल चुका है। मेडिकल कॉलेज खुलने से लोगों ने बेहतर सुविधा मिलने की उम्मीद की थी, लेकिन बेहतर सुविधाओं के नाम पर अस्पताल में कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। मेडिकल कॉलेज चंबा के नए भवन की क्षमता भी 200 से अधिक है, लेकिन यहां मरीजों को शिफ्ट करने की जगह पुराने भवन में एक बेड पर दो-दो मरीजों को रखना शायद विभाग को खूब भा रहा है। दिन के समय मरीजों का समय तो कट जाता, लेकिन रात काटनी मुश्किल हो जाती है। मरीजों को रात फर्श पर लेट कर काटनी पड़ती है।

अस्पताल में एक-एक बेड पर दो-दो मरीज लेटाए जा रहे हैं। मरीजों को फर्श पर सो कर रात गुजरानी पड़ रही है। इस तरह के माहौल में संक्रमण फैलने का भी खतरा बढ़ जाता है।  अस्पताल में 200 बिस्तर ही उपलव्ध हैं, लेकिन मरीजों की संख्या चार सौ से अधिक है। सरकार ने मेडिकल कॉलेज चंबा में करोड़ों रूपये खर्च कर नए भवन का भी निर्माण करवाया है,  लेकिन इस भवन का सही से इस्तेमाल नहीं हो रहा है। नए भवन में अभी तक सिर्फ 15 मरीजों को ही शिफ्ट किया गया है।

हाल ही में भी चंबा मेडिकल कॉलेज में पानी की व्यवस्था चरमराई थी। डीसी ने औचक निरीक्षण के बाद अस्पताल प्रबंधन की खूब क्लास ली थी। डीसी की कार्रवाई पर डॉक्टर एसोसिएशन ने एतराज भी जताया था।