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8 सूत्रीय मांगों को लेकर दवा प्रतिनिधि उतरे सड़कों पर

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केंद्र सरकार व दवा उद्योगपतियों के खिलाफ खोला मोर्चा

हिमाचल प्रदेश मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार व दवा उद्योगपतियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बुधवार को अखिल भारतीय मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन के आह्वान पर दवा प्रतिनिधि सड़कों पर उतरे और केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोला। फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रजेंटेटिव एसोसिएशन ऑफ इंडिया के बैनर तले यह हड़ताल पूरे भारतवर्ष में दवा प्रतिनिधि एक दिन की हड़ताल पर रहे।आठ सूत्रीय मांगों को लेकर दवा प्रतिनिधियों ने केंद्र सराकर और दवा उद्योगपतियों के खिलाफ उपातुक्त कार्यालय के समीप जमकर नारेबाजी की। धरने के उपरांत दवा प्रतिनिधियों ने उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा।

मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव मेडिकल एसोसिएशन के शिमला इकाई सचिव सेठ चंद शर्मा ने कहा कि उनकी कुछ मांगे है जिसको लेकर आज पूरे देश भर में दवा प्रतिनिधि सड़कों पर उतरे है।उन्होंने कहा कि सेल्स प्रोमोशन एम्पलॉई एक्ट की रक्षा होनी चाहिए साथ ही सेल्स प्रोमोशन कर्मचारियों की वैधानिक कार्य नियमावली, सरकारी अस्पतालों व बड़े संस्थानों से दवा प्रतिनिधियों के कार्य करने की रोक को हटाना तथा सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने के साथ जीवन रक्षक दवाएं सस्ती दरों पर देना, दवा प्रतिनिधियों के डाटा को व्यक्तिगत रखना शामिल है। सेल्स उत्पीड़न के नाम पर दवा प्रतिनिधियों का उत्पीड़न बंद किया जाना चाहिए , दवा प्रतिनिधियों का भी 8 घंटे सुनिश्चित किया जाना चाहिए व न्यूनतम वेतन 25,000 दिया जाए।