त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और मुख्य विपक्षी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के समर्थकों के बीच हुई झड़प के विरोध में आज सीपीआईम ने देश मे विरोध प्रदर्शन किए। सीपीआईएम लोकल कमेटी शिमला ने सीपीआईएम के कार्यालयों पर हमले, आगजनी की घटनाओं और कार्यकर्ताओं पर हो रहे बर्बर हमले के विरोध में आज शिमला में उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और बीजेपी की सरकारों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
सीपीआईएम राज्य सचिवमंडल सदस्य संजय चौहान ने कहा कि बीजेपी के द्वारा पूरे देश में इस तरह के दंगे फसाद कराए जाते हैं ताकि उनकी विफलताएं लोगों के सामने न आए। बीजेपी पूरे देश में और त्रिपुरा में भी लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में विफल रही है। जब लोग बीजेपी की नीतियों का विरोध करते हैं तो उनके उपर हमले किए जाते हैं या जूठे केस दर्ज किए जाते है। बीजेपी इस पूरे लोकतंत्र खत्म कर रही है।
उन्होंने कहा कि आज महंगाई, पेट्रोल डीजल, भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। जब आम जनता इन मुद्दों पर आंदोलन करती है तो उनको बीजेपी के गुंडों द्वार निशाना बनाया जाता है लेकिन इस तरह से जनता के आंदोलन को नहीं कुचल सकते। त्रिपुरा में सत्तारूढ़ दल भाजपा के गुंडों द्वारा बड़े पैमाने पर लोगों और मुख्य विपक्षी दल, वामपंथी और विशेष रूप से सीपीआई (एम) पर बर्बर हिंसा की निंदा करती है।
राज्य में भाजपा के कुशासन के खिलाफ लड़ने वाली सीपीआईएम और ट्रेड यूनियनों अन्य जन संगठनों को भी उनके कार्यालयों में तोड़फोड़, दस्तावेजों, वाहनों और अन्य संपत्तियों को आग लगाने सहित खुले हमलों का निशाना बनाया गया है और पुलिस प्रशासन केवल मूक दर्शक बना रहा है। केंद्र की बीजेपी सरकार कानून व्यवस्था को बनाये रखने में असफल है।
उन्होंने कहा कि सीपीआईएम गृह मंत्रालय से मांग करती है कि त्रिपुरा में इस हिंसा को रोकने के लिए तुरंत ठोस कदम उठाएं और मजदूर वर्ग और बड़े पैमाने पर मेहनतकश वर्ग और आम जनता का आह्वान करती है कि वे भाजपा शासन के कुशासन और उत्पीड़न के खिलाफ एकजुट संघर्ष को आगे बढ़ाते हुए भाजपा शासन के भयावह फासीवादी प्रारुप का एकजुट रूप से विरोध और खिलाफत करें।