एडीसी बोले, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए छोटे उद्यमी और कृषकों का सहयोग करें बैंक
छोटे व्यवसायी, उद्यमी, स्वयं सहायता समूह और कृषकों की आर्थिक जरूरतों को सहानुभूमिपूर्वक समझते हुए उनकी सहायता करने के लिए जिले के सभी बैंक और उनके कर्मचारी कार्य करें। बुधवार को डीआरडीए के सभागार में जिला काँगड़ा के बैंकों की जिला स्तरीय समीक्षा समिति की त्रैमासिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त सौरभ जस्सल ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि गांव देहात में स्वरोजगार, कृषि, पशुपालन और छोटे उद्यमों के माध्यम से लोगों को कमाई के साधन उपलब्ध हों, इसके लिए सरकार द्वारा अनेकों योजनाएं चलाई गई हैं। एडीसी ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संबल प्रदान करने वाली इन योजनाओं के तहत लोगों को ऋण उपलब्ध करवाने और उनकी आर्थिक सहायता करने के निर्देश बैंक अधिकारियों को दिए।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य की पूर्ति में बैंक सबसे अहम भूमिका निभा सकते हैं। बैंक अपने सामान्य धंधे के अलावा समाज में आर्थिक तौर से पिछड़े लोगों के जीवन स्तर में उन्नति लाने के लिए कार्य करें। आम लोगों की जरूरतों और लक्ष्यों के प्रति संवेदनशीन रवैया अपनाते हुए उन्हें विभिन्न सरकारी स्कीमों के तहत ऋण उपलब्ध करवाए जाएं। उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड, कृषि अधोसंरचना, अक्षय ऊर्जा सहित अन्य प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों से संबंधित ऋण योजनाओं के प्रचार और प्रसार पर जोर देने की बात कही। उन्होंने बताया कि पशुपालक भी किसान क्रेडिट कार्ड बनवाकर उसका लाभ ले सकते हैं।
उन्होंने सभी बैंकों को निर्धारित लक्ष्यों को समयबद्ध पूरा करने तथा सरकारी योजनाओं के तहत लोगों को ऋण उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। बैठक में जिले में कार्यरत सभी बैंकों द्वारा क्रियान्वित की जा रही सरकार की गरीबी उन्मूलन योजनाओं के अंतर्गत हुई प्रगति तथा वार्षिक ऋण योजना 2024-25 के अंतर्गत जून 2024 तक के लक्ष्यों तथा उपलब्धियों की समीक्षा की गई। एडीसी ने सभी बैंकों को अपनी नकद-जमा अनुपात बढ़ाने के लिए प्लान तयार करने के लिए कहा।
लक्ष्यों की पूर्ति के लिए कार्य कर रहे बैंक: एलडीएम
बैठक का संचालन करते हुए अग्रणी जिला प्रबंधक (एलडीएम कांगड़ा) तिलक राज डोगरा ने बताया कि जिला कांगड़ा के ऋण वितरण में बैंकों का वर्ष 2024-25 का लक्ष्य 7322.28 करोड़ रुपये था, जिसे जून तिमाही के अंत तक बैंकों ने 2645.27 करोड़ रुपये के ऋण वितरण करके 36.13 प्रतिशत की दर से अपने लक्ष्यों की प्राप्ति की है। जिले में वित्तीय वर्ष 2024-25 मे जून 2024 के अंत तक प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र में बैंकों ने 28.07 प्रतिशत की दर से तथा गैर प्राथमिकता क्षेत्र में 101.89 प्रतिशत की दर से लक्ष्यों की प्राप्ति की है। उन्होंने बताया कि जिले में वित्तीय वर्ष 2024-25 मे जून 2024 के अंत तक कृषि क्षेत्र में 1424.13 करोड़ रुपये, सूक्ष्म मध्यम व लघु उद्यमों में 3235.55 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए है।
जिले के बैंकों ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अन्तर्गत लगातार वृद्धि दर्ज की है तथा वित्तीय वर्ष 2024-25 में मार्च 2024 के अंत तक कुल 94410 किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए हैं। उन्होंने आगे बताया कि जिला में कार्यरत सभी बैंक शाखाओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे शेष बचे किसानों को भी किसान क्रेडिट कार्ड जारी करना सुनिश्चित करें। उन्होंने बैंकों से आशा जताई कि वे जिले के आर्थिक विकास में अपने दायित्वों को समझते हुए ज्यादा से ज्यादा ऋण प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को देंगे व लोगों के आर्थिक स्तर को ऊंचा उठाने में सहयोग करेंगे।
यह रहे उपस्थित
इस अवसर पर पीएनबी के उपमंडल प्रमुख भरत ठाकुर, डीडीएम नाबार्ड हिमांशु साहू, एलडीओ आरबीआई शिमला तरुण चौधरी, उपनिदेशक कृषि राहुल कटोच, विभिन्न विभागों के अधिकारी सहित सभी बैंकों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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