<p>रक्षाबंधन हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन धूम-धाम से मनाया जाता है। हर साल बहन अपने भाई की कलाई में विधि अनुसार राखी बांधती है और अपनी रक्षा का वचन मांगती है। लेकिन क्या आप जानते है कि रक्षाबंधन क्यों बनाया जाता है? चलिए जानते हैं रक्षाबंधन मनाने के पीछे क्या हैं कारण।</p>
<p><strong><span style=”color:#d35400″>इन वजहों से आज तक मनाया जाता है रक्षाबंधन!</span></strong></p>
<p>सदियों से चली आ रही रीति के मुताबिक, बहन भाई को राखी बांधने से पहले प्रकृति की सुरक्षा के लिए तुलसी और नीम के पेड़ को राखी बांधती है जिसे वृक्ष-रक्षाबंधन भी कहा जाता है। हालांकि आजकल इसका प्रचलन नही है। राखी सिर्फ बहन अपने भाई को ही नहीं बल्कि वो किसी खास दोस्त को भी राखी बांधती है जिसे वो अपना भाई जैसा समझती है और तो और रक्षाबंधन के दिन पत्नी अपने पति को और शिष्य अपने गुरु को भी राखी बांधते है।</p>
<p><strong><span style=”color:#d35400″>पौराणिक संदर्भ के मुताबिक</span></strong></p>
<p>पौराणिक कथाओं में भविष्य पुराण के मुताबिक, देव गुरु बृहस्पति ने देवस के राजा इंद्र को व्रित्रा असुर के खिलाफ लड़ाई पर जाने से पहले अपनी पत्नी से राखी बंधवाने का सुझाव दिया था। इसलिए इंद्र की पत्नी शचि ने उन्हें राखी बांधी थी।</p>
<p>एक अन्य पौराणिक कथा के मुताबिक, रक्षाबंधन समुद्र के देवता वरूण की पूजा करने के लिए भी मनाया जाता है। आमतौर पर मछुआरें वरूण देवता को नारियल का प्रसाद और राखी अर्पित करके ये त्योहार मनाते है। इस त्योहार को नारियल पूर्णिमा भी कहा जाता है।</p>
<p><strong><span style=”color:#d35400″>ऐतिहासिक संदर्भ के मुताबिक</span></strong></p>
<p>ये भी एक मिथ है कि है कि महाभारत की लड़ाई से पहले श्री कृष्ण ने राजा शिशुपाल के खिलाफ सुदर्शन चक्र उठाया था, उसी दौरान उनके हाथ में चोट लग गई और खून बहने लगा तभी द्रोपदी ने अपनी साड़ी में से टुकड़ा फाड़कर श्री कृष्ण के हाथ पर बांध दिया। बदले में श्री कृष्ण ने द्रोपदी को भविष्य में आने वाली हर मुसीबत में रक्षा करने की कसम दी थी।</p>
<p>ये भी कहा जाता है कि एलेक्जेंडर जब पंजाब के राजा पुरुषोत्तम से हार गया था तब अपने पति की रक्षा के लिए एलेक्जेंडर की पत्नी रूख्साना ने रक्षाबंधन के त्योहार के बारे में सुनते हुए राजा पुरुषोत्तम को राखी बांधी और उन्होंने भी रूख्साना को बहन के रुप में स्वीकार किया।</p>
<p>एक और कथा के मुताबिक ये माना जाता है कि चित्तौड़ की रानी कर्णावती ने सम्राट हुमायूं को राखी भिजवाते हुए बहादुर शाह से रक्षा मांगी थी जो उनका राज्य हड़प रहा था। अलग धर्म होने के बावजूद हुमायूं ने कर्णावती की रक्षा का वचन दिया।</p>
<p><strong><span style=”color:#d35400″>रक्षाबंधन का संदेश</span></strong></p>
<p>रक्षाबंधन दो लोगों के बीच प्रेम और इज्जत का बेजोड़ बंधन का प्रतीक है। आज भी देशभर में लोग इस त्योहार को खुशी और प्रेम से मनाते है और एक-दूसरे की रक्षा करने का वचन देते है।</p>
Atal Tunnel Snowfall Stranded Tourists: अटल टनल और धुंधी क्षेत्र में सोमवार को भारी बर्फबारी…
Himachal High Court Chief Justice: न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य…
Sakamma Reunited: लगभग दो दशक पहले परिवार से बिछुड़ चुकी कर्नाटक की एक महिला…
Education Reform: केंद्र सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) में एक बड़ा बदलाव करते…
Mandi Governance Week: जिला प्रशासन मंडी द्वारा सुशासन सप्ताह के तहत सोमवार को एक जिला…
Maruti Youth Mandal Sports Competition: नेहरू युवा केंद्र मंडी के सौजन्य से मारुति युवा…