पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रंगीला राम राव ने चुनाव से पहले ही ताल ठोंक दी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी। अब उनका यह अंतिम चुनाव है और वे हर हाल में विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि पिछली बार उनका टिकट काटा गया था। जिसकी वजह से मंडी जिला की कम से कम पांच सीटों पर कांग्रेस को नुक्सान उठाना पड़ा था। उन्होंने कहा कि वे 76 साल के हो गए हैं ये उनका अंतिम चुनाव होगा । इसके बाद वे युवाओं के हाथों मेंकमान सौंप देंगे। इस अवसर पर युवा नेता व कांग्रेस सचिव अनिल शर्मा, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सरकाघाट व अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
मंडी में पत्रकारों को संबोधित करते हुए रंगाला राम राव ने कहा कि देश और प्रदेश में भाजपा की सरकारों के चलते महंगाई और भ्रष्टाचार चर्म सीमा पर है। जिसकी वजह से देश और प्रदेश बदहाली के कगार पर पहुंच गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि किसानों के खाते में सालाना छह हजार डाले जा रहे हैं। मगर हर आदमी की जेब से गैस सिलेंडर के बहाने आठ से दस हजार रूपए निकाल भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी बढ़ रही है। पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में पुलिस वाले ही शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पेपर डालने वाले पुलिस के अधिकारी हैं, छपवाने वाले पुलिस के अधिकारी हैं और जांच करने वाली भी पुलिस ही है। ऐसे में पुलिस की कार्रवाई पर ही संदेह होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में भर्तियों के नाम पर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। उसी प्रकार कोरोना काल में लूटखसूट का आलम रहा। दवाओं और पीपी किट की खरीद में जमकर घोटाला हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के निदेशक और बाबु को सस्पेंड करना पड़ा।
‘एक्सीडेंटली सीएम हैं जयराम’
उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के हिमाचल दौरों पर करीब डेढ सौ करोड़ रूपए खर्च हुए हैं। मगर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर एक फूटी कौड़ी भी हिमाचल के लिए नहीं मांग पाए। जयराम ठाकुर एक्सीडेंटली मुख्यमंत्री बने हैं, हालांकि, बतौर मंडयाल मैं उनकी ईज्जत करता हूं। मगर मुख्यमंत्री के नाते जयराम ठाकुर असफल साबित हुए हैं। रंगीला राम राव ने जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर पर आरोप लगाया कि वे सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र की योजनाओं को धर्मपुर ले जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उनके मंत्री रहते हुए पचास करोड़ की कांढापतन ऊठाऊ योजना सरकाघाट के लिए बनाई थी। मगर महेंद्र सिंह ने उस योजना का रूख भी धर्मपुर की ओर मोड़ दिया। उसी प्रकार एचआरटीसी सरकाघाट के डिपो से 70 बसें धर्मपुर ले गए हैं। शेष बची खटारा बसें हर कहीं सडक़ पर खड़ी हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकाघाट अस्पताल में कांग्रेस के कार्यकाल में 18 डाक्टर और दस विशेषज्ञ चिकित्सक थे। मगर आजकल मात्र तीन विशेषज्ञ चिकित्सक ही सरकाघाट में रह गए हैं।
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