राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ चुके शिमला के जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट पर एक साल से उड़ाने तो शुरू हुई है। लेकिन अब भी यात्री यहां पर नियमित उड़ान न होने की शिकायत कर रहें है। यहां तक कि सरकार में एक मंत्री और विधायक भी ये शिकायत करते सुने गए हैं कि शिमला के लिए उड़ान भरने के ऐन मौके पर कह दिया जाता है कि आसमान में धुन्ध छाई हुईं है। इसलिए आज भी उड़ान नहीं हो सकती है। जिसकीं वजह से यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
इस बारे में जब जुब्बड़हट्टी प्रबंधन से पूछा गया तो एयरपोर्ट कंट्रोलर रितेश ने बताया कि जब धुन्ध होती है तो उड़ान नहीं होती है। उड़ान के लिए विजिबिलिटी 5 किलोमीटर तक होती है तो उड़ान होती है। तीन किलोमीटर से कम विजिबिलिटी पर उड़ान नहीं होती है। उनका कहना है कि दो और तीन अप्रैल को धुन्ध की समस्या के चलते उड़ान नहीं हो पाई थी।
आम आदमी की पहुंच से बाहर फ्लाइट का किराया
इसके अलावा फिर से एयर इंडिया ने शिमला से दिल्ली की उड़ान का किराया आम आदमी की पहुंच से बाहर कर दिया है। इसमें 15 सीटों में सिर्फ छह सीटों के लिए ही किराया प्रति सीट 1920 रुपए निर्धारित है, जबकि बाकी नौ सीटों के लिए प्रति सीट सात हजार से 19 हजार तक तय किया गया है। एयर इंडिया एयरलायंस की यह उड़ान दिल्ली से शिमला सुबह पौने आठ बजे की है।
चुनाव थमते ही आसमान छूने लगा किराया
गौर रहे कि पहले मोदी सरकार ने ऐलान किया था कि देश में हवाई चप्पल पहनने वाला आम नागरिक भी हवाई सफर कर सके, लिहाजा किराया उसकी पहुंच में रहेगा, मगर हिमाचल विधानसभा चुनाव थमते ही किराया आसमान छूने लगा है। शिमला आने वाले पर्यटकों के लिए हवाई सफर सुविधाजनक होता है। लेकिन, अभी भी यहां के लिए 15 सीटें ही एटीआर-42 में उपलब्ध हैं। डीजीसीए और एयर इंडिया के साथ-साथ उड्डयन मंत्रालय इस एयरपोर्ट पर एटीआर-72 उतारने के ऐलान तो करता रहा है, लेकिन वह धरातल पर नहीं उतर सके। जुब्बड़हट्टी हवाई अड्डे के रन-वे की लंबाई 1164 मीटर थी। इसे करीब 300 मीटर तक बढ़ा दिया गया है, जबकि चौड़ाई 30 मीटर है।