स्पीति के रंगरीक गांव में रंगरीक रेस्पा महान योगी एंव सिद्ध पुरूष पर लिखित पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम गोन्पा में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में रिन्पोछे टीके लोचेन टुल्कु ( चेयरमैन कीह बौद्ध मठ) ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। मुख्यातिथि दीप प्रज्जवलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
मुख्यातिथि ने एसी टू डीसी किन्नौर संजीव कुमार द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन किया। मुख्यातिथि रिन्पोछे टीके लोचेन टुल्कु ने कहा कि बौद्ध धर्म काफी व्यापक है। हमें अपने प्राचीन ग्रंन्थों के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
इन ग्रंथों के हिसाब से ही जीवन यापन करना चाहिए। लेखक संजीव कुमार की लिखित पुस्तक हिमालयी क्षेत्रों के लिए वरदान साबित होगी। हमें अपने सिद्ध पुरूषों के बारे में जानकारी एक दूसरे से सांझा करनी चाहिए। मैं लेखक को इस पुस्तक के लिए हार्दिक शुभकामानाएं देता हूं।
लेखक संजीव कुमार ने बताया कि इस पुस्तक के पीछे मूल भावना को तीन प्रमुख बिंदुआ के द्वारा रेखाकिंत किया गया है। पहला बौद्ध जीवन दर्शन विशेष कर नालंदा परंपरा पर आधारित सारगत शिक्षाओं से विनय जनों को लाभान्वित करना दूसरा इस पुस्तक की सामग्री में बौद्ध दर्शन सारगत तत्वों शून्यता, अनितयता, एंव करूणा जैसे सारत्व जिसे रंगरिक रेस्पा जैसे सिद्ध आचार्यो ने समय समय पर विनयजनों को काव्य रचना एंव जीवनी लेखन माध्यम से दी।
तीसरा भाषा की दृष्टि से इस पुस्तक में 16 वीं शताब्दी में इस्तेमाल होने वाले शब्दों भाषा का चयन किया गया है। ऐतिहासिक रूप् से इस पुस्तिका में हिमालय क्षेत्र के अनेक प्रसिद्ध प्रमुख तीर्थ स्थलों प्रभावशाली व्यक्तियों एंव तदनुसार घटनाओं का वर्णन है।
इस पुस्तक में रंगरिक गांव की बौद्धिक क्षमता को हिमालयी क्षेत्रों में अलग पहचान बनाई है। रंगरि रेवा पांचवे दलाई लामा एंव 40वीं गेनदेन के समकालीन है। ऐसे महान पुरूषों को भुलाया नहीं जा सकता है। उन्हें याद दिलाने के लिए ताकि आने वाली पीढ़ियां उनकी शिक्षाओं से लाभान्वित हो सके।
इस अवसर पर बौद्ध विद्वान आर एल नेगी ने भी बौद्ध ग्रंथों के बारे विस्तृत जानकारी रखी। अधिवक्ता हुक्म सेन ने सिद्ध पुरूषों के बारे में जानकारी रखी। इस अवसर पर एसडीएम हर्ष अमरेंद्र नेगी, एसएचओ चुंग राम, उपप्रधान संजीव कुमार सहित समस्त गांववासी मौजूद रहे।