केलांग : जनजातीय जिला लाहौल स्पीति में भी ग्लेशियरों की झीलों के टूटने से आई बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदा से बचाव एवं प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के अभ्यास को लेकर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) की निगरानी में मैगा मॉक एक्सरसाइज आयोजित की गई। मैगा मॉक एक्सरसाइज के लिए पूर्व निर्धारित परिदृश्य के अनुसार सुबह करीब 9 बजे विभिन्न चिन्हित स्थलों पर बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया।
इसके बाद जिला के तीन उपमंडलों में पिघलते हुए ग्लेशियरों से नदी के किनारों पर स्थित कई गांव में बाढ़ एवं भूस्खलन में लोगों के फंसने की सूचनाएं प्राप्त हुईं। बाढ़ एवं भूस्खलन के खतरे और वहां लोगों के फंसने की सूचनाएं मिलते ही जिला एवं उपमंडल स्तर पर इंसीडेंस रिस्पांस सिस्टम (आईआरएस) तुरंत हरकत में आ गया।
बचाव एवं राहत कार्यों को सुनियोजित एवं प्रभावी ढंग से अंजाम देने के लिए उदयपुर, काजा व सिस्सू में स्टेजिंग एरिया बनाये गये ।स्टेजिंग एरिया से ही सभी रेस्क्यू टीमों, मशीनरी और अन्य संसाधनों को आपदा प्रभावित स्थानों की ओर रवाना किया गया।
परियोजना अधिकारी एकीकृत जनजातीय विकास विभाग एवं प्रभारी मनोज कुमार जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने उपायुक्त कार्यालय परिसर के वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष से मैगा मॉक एक्सरसाइज की निगरानी की तथा रेस्क्यू ऑपरेशनों के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने बताया कि भारतीय तिब्बत बॉर्डर पुलिस, सीमा सड़क संगठन व पुलिस,होमगार्ड ने अपनी अहम भूमिका अदा की और स्थानीय महिला मंडलों , युवक मंडलों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया।