<p>डीसी मंडी ने नए बने नगर निगम मंडी का आरक्षण रोस्टर जारी कर दिया है। रोस्टर के अनुसार वार्ड नंबर खलियार, सात तल्याड़, आठ पैलेस कालोनी दो, 11 समखेतर, 12 भगवाहन और 13 थनेहड़ा का महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। जबकि वार्ड नंबर 10 सूहड़ा व नए जोड़े गए वार्ड नंबर 14 दौंधी को अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित किया गया है। वार्ड नंबर 15 बैहना और नया बना वार्ड नंबर 6 सन्यारढ को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है।</p>
<p>जिला भाजपा के अध्यक्ष रणवीर सिंह सेन जो पहले बिजनी पंचायत के उपप्रधान भी हैं की पंचायत को नगर निगम में शामिल करके खलियार वार्ड में रखा गया है जिसे महिला के लिए आरक्षित करके उन्हें चुनावी मैदान से ही बाहर कर दिया गया। पहले इस वार्ड का नाम बिजनी रखा गया था मगर संशोधन में यह नाम भी बदल कर खलियार कर दिया। अब भाजपा के जिला प्रधान को अपनी ही सरकार में एक तरह से चुनावी दौड़ से बेदखल करना कई सवाल खड़े कर रहा है। उन्हें मेयर पद का दावेदार माना जा रहा था मगर अब तो खेल ही सारा बिगड़ गया है। </p>
<p>उनके नजदीकी सूत्रों के अनुसार भाजपा प्रधान इस आरक्षण रोस्टर को लेकर बेहद खफा हैं और इसे एक साजिश भी बता रहे हैं। भले ही उन्होंने इस पर अभी कोई टिप्पणी न करने की बात कही है। परिसीमन के तहत भी इस वार्ड को सबसे बड़ा करके सवाल खड़े किए गए हैं। ब्यास नदी के उस पास की जनसंख्या तीन वार्ड के लायक थी मगर वहां पर केवल दो ही वार्ड बनाकर कुछ हिस्सा नदी के दूसरी ओर पड्डल वार्ड में डाल दिया गया जो हैरानीजनक है। इधर, वर्तमान अध्यक्ष व महिला मोर्चा भाजपा की जिला प्रधान सुमन ठाकुर का वार्ड महिलाओं के लिए ही आरक्षित रहा है जिससे उनके लिए पार्षद व मेयर की कुर्सी का रास्ता बना हुआ है। </p>
<p>पूर्व अध्यक्ष पुष्प राज शर्मा को पड्डल वार्ड का अनारक्षित हो जाना मेयर की दौड़ में ला खड़ा कर दिया। उनके नजदीकी सूत्र बताते हैं कि वह अपनी पत्नी पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष व वर्तमान पार्षद नीलम शर्मा को वार्ड नंबर चार नेला से खड़ा करके महिलाओं के लिए मेयर पद आरक्षित होने की स्थिति में बड़ा दॉव खेलने की सोच रहे हैं। वर्तमान उपाध्यक्ष वीरेंद्र भट्ट का वार्ड आरक्षित होने से बच गया है और वह अब यहां से फिर भाग्य आजमा सकते हैं। वर्तमान पार्षद पुष्प राज कात्यायन, जितेंद्र जौनी, माधुरी कपूर, सिमरनजीत कौर, बंशी लाल के अलावा चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे पूर्व अध्यक्ष हेमंत राज वैद्य, पूर्व उपाध्यक्ष गगन कश्यप व अनिल कपूर भी आरक्षण की चपेट में आकर चुनावी दौड़ से बाहर हो गए। कई नए चेहरे भी इसकी चपेट में आकर चुनाव लड़ने की मंशा को मन में ही दबा कर घर बैठ गए हैं। इसके साथ ही मंडी में नगर निगम चुनावों को लेकर गहमागहमी शुरू हो गई भले ही सरकार यह चुनाव मार्च 2021 में करवाना चाहती है।<br />
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