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पुलघराट चिट्टा कांड में मौत का शिकार हुए ऋषि के पिता ने लिखी चिट्ठी

DESK |

पिछले महीने दो अप्रैल को मंडी शहर के पुलघराट में हुए चिट्टा कांड जिसमें पुलिस हिरासत के दौरान सुकेती खड्ड में छलांग लगाने वाले दो युवकों जिसमें से एक गुटकर के ऋषिराज पठानिया की मौत हो गई थी का मामला अब मानवाधिकार आयोग में पहुंच गया है।

मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष को भेजे 21 बिंदुओं पर आधारित पत्र में मृतक ऋषि राज के पिता बलबीर सिंह पठानिया गुटकर मंडी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने इस मामले में फिरौती से लेकर पुलिस हिरासत में हुई बेटे की मौत को लेकर कई सनसनीखेज तथ्य अपने पत्र के जरिए मानवाधिकार आयोग को भेजे हैं। इसमें कहा है  कि एक जवान बेटे की मौत से उसकी मां, उसकी पत्नी व बेटा सब बुरी तरह से सदमे में है।

पुलिस ने जो भी कार्रवाई की है तथा एफआईआर में दर्ज किया है वह सब संदेह के घेरे में है। इस मामले की निष्पक्ष जांच हो तो मंडी पुलिस के अधिकारी व मौके पर मौजूद रहे कर्मी सब कटघरे में खड़े होंगे। ऐसे में इस मामले की जहां सीबीआई से जांच हो, पूरे इलाके की सीसीटीवी फुटेज, पुलिस अधिकारी व कर्मियों की संलिप्तता, फिरौती मांगने वाले व्यक्ति जिसका नाम व मोबाइल नंबर भी इस पत्र में है, सबकी गहराई से निष्पक्ष एजेंसी द्वारा जांच होने से बड़ा खुलासा होगा। परिवार को जो इस मामले में युवा बेटे के जाने का नुकसान हुआ है तथा सारे प्रकरण में जिस तरह से मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ है उसकी एवज में एक करोड़ का मुआवजा दिया जाए।

बलबीर सिंह पठानिया ने बताया कि वह इस बारे में एसपी मंडी से मिल चुके हैं। डीजीपी पुलिस , मुख्यमंत्री व उपायुक्त को भी पत्र लिख चुके हैं मगर आज दिन तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है। पुलिस ने इस दिशा में किसी भी कार्रवाई से पीड़ित परिवार को अवगत नहीं करवाया है। इस मामले में नामजद दूसरे अभियुक्त राहुल के ब्यानों को भी आधार बनाकर जांच की जाए। मांग की गई कि पुलिस हिरासत में मौत का मामला दर्ज करने के साथ साथ 1 करोड़ का मुआवजा भी पुलिस उनके परिवार को अदा करे। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो वह अगला कदम स्वयं न्यायिक प्रक्रिया का सहारा लेेने वाला उठा सकते हैं।