शिक्षा के सुधार के लिए 300 करोड़ होगा व्यय: पठानिया
विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए ऋण योजना की मिलेगी सुविधा
समग्र शिक्षा के तहत राज्य स्तरीय सांस्कृतिक प्रतियोगिता का किया शुभारंभ
विधायक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि राज्य सरकार बच्चों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षा प्रणाली में आवश्यक सुधार कर रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा में सुधार के लिए राज्य सरकार 300 करोड़ रुपए खर्च कर रही है.
जिसके तहत प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोले जा रहे हैं, ताकि यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों का समुचित विकास हो सके।
सोमवार को धर्मशाला के कालेज के सभागार में समग्र शिक्षा हिमाचल के तत्वाधान में आयोजित राज्य स्तरीय सांस्कृतिक प्रतियोगिता के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्यातिथि विधायक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र से सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से इंग्लिश मीडियम में पाठ्क्रम आरम्भ किया जा रहा है तथा छह साल का बच्चा ही पहली कक्षा में जाएगा ताकि वह तनाव महसूस न करे।
उन्होंने कहा कि समाज का एक वर्ग ऐसा भी है, जो अपनी आवाज नहीं उठा सकता। उनके लिए कल्याण के लिए वर्तमान राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत कानून बनाकर प्रदेश के 4000 अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ दे स्टेट के रूप में अपनाया है। इस योजना के तहत 18 वर्ष तक के अनाथ बच्चों को 2500 रुपये प्रति माह तथा 27 वर्ष तक के बच्चों को 4 हजार रुपये पॉकेट मनी के रूप में दे रही है। इसके अतिरिक्त उनके उच्च शिक्षा का खर्च भी राज्य सरकार उठाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने डॉ. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना आरम्भ की है, जिसके तहत विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए 20 लाख रुपये तक का ऋण एक प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध करवाया जा रहा है।
इससे पहले जिला परियोजना अधिकारी समग्र शिक्षा नीना पुंज ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए कि इस प्रतियोगिता में राज्य के दस जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थानों के तीन सौ छात्र-छात्राएं भाग ले रहे हैं इस प्रतियोगिता का समापन सात फरवरी को होगा।
इस अवसर पर समग्र शिक्षा समन्वयक सुमन धीमान, महाविद्यालय की प्राचार्य संजीवन कटोच, डा संजय, डा अंजली शर्मा सहित निर्णायक मंडल में डा सुनील कुमार, संदीप शर्मा, डा पल्लवी, सुरेश चैधरी तथा जितेंद्र चैधरी विशेष तौर पर उपस्थित थे।