हिमाचल

पर्यटन से जुड़ेंगे कृषि विश्वविद्यालय के केंद्र: RS बाली

  • प्रदेश सरकार ‘एग्रो टूरिज्म’ के विकास पर करेगी काम
  • क्षेत्रीय किसान मेले में किया कृषि पर्यावरण पर्यटन प्रदर्शनी का उद्घाटन

पालमपुर: हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष व पर्यटन विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष (कैबिनेट रैंक) आर.एस. बाली ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के अनुसंधान केंद्र और कृषि विज्ञान केंद्रों को पर्यटन से जोड़ा जाएगा। इसे लेकर पर्यटन विभाग और विश्वविद्यालय जल्द ही एक एमओयू साइन करेगा। वे चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा 12 से 14 जून तक आयोजित क्षेत्रीय कृषि मेला 2023 पर्वतीय कृषक महासंगम समारोह के दूसरे दिन मुख्य अतिथि के रुप में शिरकत करते हुए बोल रहे थे। बाली ने विश्वविद्यालय कुलपति को बधाई देते हुए लंबे समय से बंद किसान मेले की इस परंपरा को पुनः आरंभ करते हुए दस वर्षों के बाद इस तरह के आयोजन के लिए उनके प्रयासों की सराहना की।

’एग्रो टूरिज्म के विकास की अपार संभावनाएं’

आर.एस. बाली ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्यटन की दृष्टि से काफी विकसित हुआ है। पर्यटन का राज्य की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान है। प्रदेश में कृषि क्षेत्र में एग्रो टूरिज्म के विकास की अपार संभावनाएं हैं। जिससे ना केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि किसानों की आर्थिकी भी मजबूत होगी। प्रदेश सरकार ‘एग्रो टूरिज्म’ के विकास को लेकर काम करेगी। इसके जरिये किसानों और गांव के लोगों के लिये रोजगार के रास्ते खुलेंगे।

उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों को कहा कि प्रदेश की पारंपरिक फसलों जैसे मोटे अनाज के प्रति किसानों को अधिक से अधिक जागरूक करें। ताकि इन फसलों का अधिक से अधिक उत्पादन एवं मूल्य संवर्धन करके इन्हें एग्रो टूरिज्म के माध्यम से विक्रय कर किसानों को बेहतर आय प्राप्त हो सके।

उत्पादों के प्रचार में मदद करेगा पर्यटन निगम

आर.एस. बाली ने कहा कि विश्वविद्यालय के उत्पादों के प्रचार की आवश्यकता है और पर्यटन निगम इसमें अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएगा। उन्होंने वैज्ञानिकों से कहा कि कृषि मेले में विभिन्न विभागों ने जो नए शोध, बीज, तकनीक, यंत्र, उपकरण प्रदर्शित किए हैं, वे गांवों व किसानों के घरों तक भी पहुंचने चाहिए। ऐसा होने से यह तकनीकें सही मायने में किसानों के बीच पहुंचेगी और उनके जीवन में सुधार लाने तथा उनकी आमदनी को बढ़ाने में सहायक होंगी। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का मूल आधार कृषि है और इसका सकल घरेलू उत्पाद में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। धार्मिक और व्यावसायिक मेलों की तर्ज पर किसान मेले ग्रामीण समुदाय व किसानों के लिए बड़े फायदेमंद हैं।

स्टॉल्स का किया अवलोकन

हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष व पर्यटन विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष (कैबिनेट रैंक) आर.एस. बाली ने क्षेत्रीय कृषि मेले में विभिन्न स्टॉल्स का अवलोकन किया। उन्होंने स्टॉल में रखे गये यंत्रों और उत्पादों की जानकारी ली। उन्होंने वैज्ञानिकों द्वारा किसानों के लिए लिखी उपयोगी पुस्तिकाओं का विमोचन किया। उन्होंने कृषि उत्पादों की प्रतियोगिता में अव्वल रहने वाले किसानों को सम्मानित भी किया गयाबता दें, हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में आयोजित किसान मेले में विभिन्न प्रदर्शनियों को लगाया गया था। प्रदेश के विभिन्न भागों से किसानों द्वारा अपने उत्पादों को लाया गया था। इनमें किसानों के लिए हरी सब्जियों, फलों, खाद्यान्नों आदि में प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया।

क्षेत्रों को कृषि उपज-उत्पादों के आधार पर चिन्हित करने की है आवश्यकता – डॉ. एच.के. चौधरी

इससे पहले, चौधरी सरवन कुमार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एच.के. चौधरी ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। कुलपति ने विश्वविद्यालय की प्रमुख गतिविधियों की जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश के किसानों की शक्ति को पहचान कर उनकी मदद की जाए तो वह बुलंदी पर पहुंच सकता है। विश्वविद्यालय ने किसानों के सामर्थ्य को पहचान कर उनकी मदद की तो उन्होंने पद्मश्री, जगजीवन राम, अंतोदय, पंडित दीनदयाल उपाध्याय आदि राष्ट्रीय कृषि पुरस्कार प्राप्त किए। प्रो. चौधरी ने कहा कि प्रदेश के क्षेत्रों व घाटियों को वहां पैदा होने वाले विशेष कृषि उपज और उत्पादों के आधार पर चिन्हित किए जाने की आवश्यकता है। इससे कृषि पर्यावरण पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

प्रसार शिक्षा निदेशक डॉक्टर नवीन कुमार ने क्षेत्रीय किसान मेले के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करते हुए मुख्य अतिथि व अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। इससे पहले मुख्य अतिथि द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया।

स्टॉल में उन्नत उपकरण प्रदर्शित

क्षेत्रीय कृषि मेले में लगभग 70 से अधिक स्टॉल लगाये गये हैं। इनमें कृषि संबद्ध कार्यों को आसान बनाने वाले उन्नत उपकरण प्रदर्शित किये गये हैं। मेले में विभिन्न कंपनियों के यंत्रों को प्रदर्शित करने के साथ ही इनके उपयोग और लाभों की विस्तृत जानकारी भी प्रदान की जा रही है। स्टॉल्स पर ट्रेक्टर, हॉर्वेस्टर, मिल्क मशीन एवं जैविक खेती के उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है। इस मौके ब्लॉक कांग्रेस नगरोटा के अध्यक्ष मान सिंह चौधरी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नीरज दुसेजा व प्रताप रियार्ड , रविन्द्र बिट्टू, नीतीश सूद ,ब्लाक समिति की अध्यक्ष अंजना कुमारी, रूमा कौंडल, कुल सचिव डॉक्टर मधु चौधरी, निदेशक अनुसंधान डाक्टर एस पी दीक्षित, प्रसार शिक्षा निदेशक डाक्टर नवीन कुमार, कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डाक्टर डी के वत्स, डाक्टर आर कुमार व विश्वविद्यालय के अन्य संविधिक अधिकारी व विभिन्न विभागों के अध्यक्ष मौजूद रहे।

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