Youth empowerment Himachal Pradesh: धर्मशाला में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन द्वारा आयोजित ‘झलक ए –धौलाधार’ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर कैबिनेट रैंक मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार, आरएस बाली ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में हिमाचल की संस्कृति और युवाओं के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह धरती देवी देवताओं की भूमि है और यहां से निकले वीरों ने भारतीय सेना में अपने बलिदान दिए हैं।
आरएस बाली ने उपस्थित युवाओं से अपील की कि वे अपनी संस्कृति को संरक्षित करें और जीवन में अच्छे कार्य करने की दिशा में आगे बढ़ें। उन्होंने यह भी कहा कि हिमाचल का युवा समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बन सकता है। उन्होंने युवा पीढ़ी से अपने माता-पिता के संस्कारों और अपनी विरासत को समझने का आह्वान किया, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी हिमाचल की धरोहर को सहेज सकें।
उन्होंने कार्यक्रम के आयोजकों और सभी कार्यकर्ताओं की मेहनत की सराहना की और उन्हें शुभकामनाएं दी। बाली ने यह भी कहा कि हिमाचल का हर युवा एक नायक है, और उनका कर्तव्य है कि वे हिमाचल के नाम को रोशन करें। उनके शब्दों में, “हम पहाड़ी हैं और जब पहाड़ी होते हैं तो हम सबसे मजबूत होते हैं।”
आरएस बाली ने अंत में युवा कार्यकर्ताओं को प्रेरित करते हुए यह कहा कि “आपके पास शक्ति, ऊर्जा, और दृढ़ संकल्प है। अगर आप एक संकल्प लें, तो आप हिमाचल को नई ऊँचाइयों पर ले जा सकते हैं।”
-
आरएस बाली ने कार्यक्रम के दौरान कहा, “मैंने यहाँ के पवित्र पानी को देखा, जो एकदम साफ है, और वही पानी मेरी आत्मा को भी पवित्र कर देता है। यह भूमि, हमारी माताएं और देवताओं की भूमि है, यह भूमि वीरता और बलिदान की है। हमारे हिमाचल के वीरों ने भारतीय सेना में सबसे ज्यादा शहीद होकर देश के लिए सर्वोत्तम बलिदान दिया है। यह भूमि, यह हिमाचल का हर नागरिक, विशेषकर युवा, अपनी संस्कृति और संस्कारों से जुड़ा हुआ है।”
-
उन्होंने हिमाचल के युवाओं से यह अपील की कि वे अपने आचार्य, प्रधानाचार्य और माता-पिता से जो संस्कार प्राप्त करते हैं, उन्हें आत्मसात करें और जीवन में कठिनाइयों से जूझते हुए, अपने प्रदेश और देश के लिए काम करें। बाली ने कहा, “हिमाचल का नाम रोशन करना, अपने माता-पिता का नाम रोशन करना, और अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाना ही हमारी जिम्मेदारी है।”
-
कार्यक्रम में बाली ने आगे कहा, “हिमाचल का युवा, पहाड़ी होने के नाते हमेशा सबसे आगे होता है। उसे अपनी पहाड़ी जड़ें कभी नहीं भूलनी चाहिए। जब हम पहाड़ी होते हैं, तो हम अपनी ताकत, दृढ़ संकल्प और मेहनत के साथ सबसे मजबूत होते हैं।” उन्होंने कहा कि यह न केवल एक संस्कृति और धरोहर का सवाल है, बल्कि यह हिमाचल के भविष्य की दिशा तय करने का भी सवाल है।
-
उन्होंने उपस्थित युवाओं से यह भी कहा कि, “आज के युवा ही कल के नेता हैं। अगर वे एक संकल्प लेकर आगे बढ़ेंगे, तो न केवल हिमाचल का नाम रोशन करेंगे, बल्कि पूरे देश का सम्मान बढ़ाएंगे। आपको अपनी मातृभूमि का नाम रोशन करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। यही हमारी संस्कृति है, और यही हमारा कर्तव्य है।”
-
आरएस बाली ने कार्यक्रम के आयोजकों और सभी कार्यकर्ताओं की मेहनत की सराहना की। उन्होंने कहा, “आपने जो मेहनत की है, वह काबिले तारीफ है। आप लोग वास्तव में बहुत अच्छे कार्यकर्ता हैं, और मैं आपको इस सफलता पर शुभकामनाएं देता हूं।”
-
संबोधन के अंत में बाली ने युवा कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे अपनी संस्कृति को संजोए रखें और इसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने का कार्य करें। उन्होंने कहा, “हमारे त्यौहार, हमारी परंपराएं, और हमारी सभ्यता ही हमारी पहचान हैं। इनको बनाए रखना और इन्हें आगे बढ़ाना हमारे युवा कार्यकर्ताओं का कर्तव्य है।”
-
आरएस बाली ने अंत में युवाओं से यह आग्रह किया कि वे एक दृढ़ संकल्प लें कि “हम हिमाचल के लिए, अपनी देवभूमि और वीरभूमि के लिए, अपने माता-पिता का नाम रोशन करेंगे और एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ेंगे।”
-
उनका यह संदेश न केवल हिमाचल के युवाओं के लिए प्रेरणादायक था, बल्कि पूरे देश को यह बताने की कोशिश थी कि अगर हम अपनी जड़ों से जुड़े रहें और एकजुट होकर काम करें, तो हम दुनिया में किसी से भी पीछे नहीं हैं। उन्होंने कहा, “मेरे लिए सबसे पहले हिमाचल है, फिर कहीं और कुछ। जब हिमाचल का युवा मुझे बुलाता है, तो मैं हमेशा उसके लिए तैयार रहता हूँ।”
-
इस संदेश के साथ ही बाली ने उपस्थित युवाओं को आश्वस्त किया कि उनका प्यार और समर्थन ही उनकी शक्ति है। उन्होंने कहा, “आप लोग ही मेरी ताकत हैं और मैं हमेशा आपके साथ हूँ। जब भी आप मुझे पुकारेंगे, मैं आपके साथ रहूँगा।”
-
अंत में, बाली ने कार्यक्रम में शिरकत करने वाले सभी कार्यकर्ताओं और युवाओं का धन्यवाद किया और कहा, “आप लोग हिमाचल का भविष्य हैं। मुझे आप पर गर्व है। आप ही मेरी प्रेरणा स्रोत हैं।”