हिमाचल के ग्रीष्मकालीन स्कूलों में बरसात की छुट्टियों के शेड्यूल को लेकर एक बार फिर से आवाज उठने लगी है। बरसात की छुट्टियां 22 जून से 30 जुलाई तक देने को लेकर जिला कांगड़ा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने कड़ा एतराज जताया है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष जसवंत ढडवाल का कहना है कि शिक्षा विभाग द्वारा दी गई बरसात की छुट्टियों का फैसला छात्रों के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों से अगस्त महीने में अधिकतर बरसात हो रही है, जिससे प्रदेश में लैंडस्लाइड के मामले भी बढ़ रहे हैं। बावजूद इसके सरकार अपने लाभ के लिए इस बार भी स्कूलों में छुट्टियां 15 जुलाई से न देकर 22 जून से दी है।
अगर अब बरसात में कोई जानमाल का नुकसान होता है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा।
उन्होंने कहा कि कई सालों से छुट्टियों के शेड्यूल को बदलने की विभिन्न संगठन ने मांग की है जो कि बच्चों के हित में जाती है परंतु सरकार ने इस बार भी इस मांग को अनसुना कर स्कूल 30 जुलाई को खोल दिए हैं। गौरतलब है कि पिछले साल भी स्कूल खोलने के बाद भारी बरसात के कारण स्कूल बार-बार बंद करने पड़े थे।
इस साल शिक्षा विभाग ने 15 जुलाई से 22 अगस्त का शेड्यूल बनाकर अपना सुझाव सरकार को भेजा था परंतु न जाने किस राजनीतिक कारण से सुझाव को नहीं माना गया और छुट्टियों के शेड्यूल में कोई बदलाव नहीं किया गया, जबकि मौसम विभाग ने पहले ही बता दिया था कि जून और जुलाई में मानसून कमजोर रहेगा और अगस्त महीने में भारी बारिश का अंदेशा है
जसवंत ढडवाल का कहना है कि हमारा प्रतिनिधि मंडल इस विषय को लेकर पिछले साल शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से मिला था उन्हें हमारा सुझाव पसंद भी आया था और उन्होंने हमें आश्वस्त भी किया था कि अगले साल बच्चों के हितों का ध्यान में रखते हुए छुट्टियों के शेड्यूल में बदलाव किया जाएगा ताकि किसी भी तरह का जानमाल का नुकसान ना हो। उसके बावजूद छुट्टियों के शेड्यूल में कोई बदलाव नहीं हुआ।
जिला कांगड़ा निजी स्कूल संघ ने हिमाचल सरकार से मांग की है कि शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले छुट्टियों का शेड्यूल जारी किया जाए। छुट्टियों के शेड्यूल को लेकर आपकी क्या राय है, कॉमेंट बॉक्स में जरूर शेयर करें।
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