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ग्रामीण मेलों से पोषित होती है पहाड़ी संस्कृति : जयराम ठाकुर

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  • बालीचौकी जिला स्तरीय देवता मेले के समापन समारोह में बोले पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर

  • देवता कमेटियों को विधायक निधि से 10 लाख और मेला समिति को 31 हजार रुपये देने की घोषणा

  • पहाड़ी संस्कृति और मेलों की भूमिका पर बल, सड़कों और पुलों के निर्माण को बताया विकास का हिस्सा


Himachal Rural Culture: नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को बालीचौकी में आयोजित जिला स्तरीय देवता मेले के समापन कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने मेले में उपस्थित देवी-देवताओं के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया और जनसभा को संबोधित करते हुए पहाड़ी संस्कृति में मेलों की अहम भूमिका को रेखांकित किया।

जयराम ठाकुर ने कहा कि वह इस क्षेत्र के विधायक रहे हैं और आमंत्रण हो या न हो, वे अपने लोगों से मिलने चले आते हैं। उन्होंने इस बार मेला कमेटी द्वारा सामूहिक रूप से बुलाए जाने को सकारात्मक संदेश बताया और कहा कि मेलों को राजनीति से दूर रखना चाहिए क्योंकि ये मेल मिलाप और भाईचारे का प्रतीक होते हैं।

उन्होंने कहा कि देवी-देवताओं के आशीर्वाद और जनता के सहयोग से ही उन्हें 28 वर्षों तक विधानसभा में प्रतिनिधित्व और मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला। उन्होंने सरकारों द्वारा ऐसे मेलों को संरक्षण देने की आवश्यकता जताई।

इस अवसर पर उन्होंने देवता कमेटियों के लिए विधायक निधि से 10 लाख रुपये और मेला आयोजन समिति को 31 हजार रुपये देने की घोषणा की।

जयराम ठाकुर ने कहा कि देवता मेले हमारी प्राचीन संस्कृति के संवाहक हैं और इन्हीं आयोजनों से हमारी सांस्कृतिक पहचान जीवित रहती है। उन्होंने इसे मंडी और कुल्लू सराज क्षेत्रों का साझा उत्सव बताते हुए कहा कि देवताओं और लोगों के बीच आपसी रिश्ते और भाईचारा इस संस्कृति की ताकत हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में सड़क और पुल निर्माण को लेकर पिछली सरकार ने गंभीर प्रयास किए थे। उन्होंने बताया कि धामन, बालीचौकी और हणोगी में बने पुलों पर लगभग 40 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं और आने वाले समय में विधायक प्राथमिकता के तहत और सड़कों के कार्य शुरू होंगे।

इस अवसर पर बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी, भाजपा प्रवक्ता अजय राणा, जिलाध्यक्ष निहाल चंद शर्मा सहित मेला कमेटी अध्यक्ष दिले राम, स्थानीय पदाधिकारी और गणमान्य लोग उपस्थित रहे।