<p>प्रधान सचिव आबकारी एवं कराधान, सतर्कता, क्वालिटी, कंट्रोल एवं मॉनीटरिंग संजय कुंडू ने हीरा नगर स्थित परिधि गृह में अधिकारियों के साथ बैठक कर जिला में चलाए जा रहे विभिन्न प्रकार के विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा। कहा कि आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा वर्तमान वित्त वर्ष के लिए 301 करोड़ रूपए राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसमें से जुलाई माह तक 67 करोड़ रूपए राजस्व के रूप में एकत्रित किया गया है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को विभिन्न मद्दों के तहत निर्धारित लक्ष्यों को गति प्रदान करते हुए नियत अवधि में पूरा करने के निर्देश दिए।</p>
<p>इसके अतिरिक्त जीएसटी और आबकारी अधिनियमों के अंतर्गत भी अधिकारियों को प्रगति में तेजी लाने को कहा गया। कारोबारियों और विशेषकर ठेकेदारी कार्य करने वाले लोग जो अपनी रिटर्न नहीं भर रहे हैं उनके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही कर शीघ्र वसूली करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि बोटलिंग संयंत्रों में दो महीने के भीतर सीसीटीवी कैमरों की स्थापना कर मुख्यालय से जोड़ने और इसकी निरंतर निगरानी करने के अधिकारियों को निर्देश दिए गए ताकि शराब को तस्करी को रोका जा सके। सीएसडी कैंटीनों से बिकने वाली शराब के संबंध में भी नियमित तौर पर निगरानी रखने के अधिकारियों को निर्देश दिए गए। जीएसटी के अंतर्गत पंजीकरण को बढ़ाने और डिफाल्टरों से कर की निश्चित समय में वसूली करने को भी कहा गया। </p>
<p>इसी प्रकार सतर्कता विभाग के कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की गई। जिला में सेफ हाउस के निर्माण को लेकर भी सतर्कता विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए ताकि लोग इसमें समय पर अवेयर कर सकें और केस से पहले ट्रायल और बयान आदि दर्ज किए जा सकें। इसके अतिरिक्त जिला में होने वाली सेना और अन्य बड़े कार्यों में विभाग को अपना उप निरीक्षक स्तर का अधिकारी भेजने को कहा गया ताकि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों को और लैपटॉप प्रदान किए जाएंगे ताकि वह विभिन्न प्रकार के मामलों में बेहतर और तेजी से तफतीश कर सकें।<br />
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लोक निर्माण विभाग और आईपीएच विभाग के कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से प्रदेश में सडकों और पेयजल योजनाओं की स्थिति में तेजी से सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग के अधिकारी सडक़ों और अन्य बड़ी परियोजनाओं के निर्माण में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें। निर्माणाधीन विकास कार्यों को निर्धारित अवधि में पूरा करें। गुणवत्ता के साथ-2 कार्यों को समय पर पूरा न करने वाले ठेकेदार के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जाए। इसी प्रकार आईपीएच और बिजली विभाग के अधिकारी भी निर्माणाधीन पेयजल, सिंचाई योजनाओं और विद्युत सव स्टेशनों के कार्यों को शीघ्र पूरा करना सुनिश्चित करें।</p>
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