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“सरदार पटेल राष्ट्र की आत्मा” – कर्ण नंदा

कर्ण नंदा ने सरदार पटेल को बताया भारत की एकता का सबसे बड़ा प्रतीक
➤ 562 रियासतों के एकीकरण को कहा इतिहास का स्वर्णिम अध्याय
➤ “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के संकल्प के साथ देशवासियों से की अपील


भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश के मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने  कहा कि अगर भारत आज एकजुट और सशक्त खड़ा है, तो इसके पीछे सरदार वल्लभभाई पटेल की अदम्य इच्छाशक्ति और ऐतिहासिक निर्णय हैं। उन्होंने कहा — “सरदार पटेल सिर्फ़ एक नेता नहीं थे, बल्कि वह राष्ट्र की आत्मा थे, जिनकी दूरदृष्टि और दृढ़ता ने भारत के नक्शे को आकार दिया।”

कर्ण नंदा ने याद दिलाया कि आज़ादी के बाद जब भारत बिखरा हुआ था, तब 562 रियासतों को एक धागे में पिरोने का साहसिक कार्य पटेल जी ने किया। हैदराबाद, जूनागढ़ और कश्मीर जैसी रियासतों का विलय केवल एक राजनीतिक कदम नहीं था, बल्कि यह राष्ट्र की अखंडता का प्रतीक था।

उन्होंने कहा कि लौह पुरुष का योगदान केवल स्वतंत्रता तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने आने वाली पीढ़ियों के लिए एक भारत, श्रेष्ठ भारत की नींव रखी। “हम सबका कर्तव्य है कि हम पटेल जी के आदर्शों को अपनाकर भारत को और मज़बूत बनाएं। आज का भारत उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहा है और हमें गर्व है कि हम उनके सपनों को साकार करने की राह पर हैं,” कर्ण नंदा ने जोड़ा।

कर्ण नंदा ने अंत में देशवासियों से आह्वान किया — “आइए, हम सब मिलकर यह प्रण लें कि भारत की एकता और अखंडता को किसी भी कीमत पर बनाए रखेंगे। यही सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”