<p>शिमला शहर में स्क्रब टायफस सक्रिय हो गया है। अस्पताल में हर तीसरे दिन स्क्रब टायफस से ग्रसित मरीज उपचार करवाने पहुंच रहे हैं। एक महीने में स्क्रब टायफस के 24 मामले सामने आ चुके हैं।</p>
<p>आईजीएमसी में शहर के साथ-साथ अन्य जिलों से मरीज आ रहे हैं, लेकिन सबसे अधिक मरीज शिमला शहर के हैं। स्क्रब टाइफस को लेकर अब आईजीएमसी प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। प्रशासन ने मरीजों के लिए आईसोलेशन वार्ड तैयार किया है।</p>
<p>स्क्रब टायफस के मामलों में अब आगामी दिनों में बढ़ोतरी होगी, क्योंकि सितंबर और अक्तूबर में स्क्रब टायफस के अधिक मामले आते हैं। ऐसे में प्रशासन ने भी मरीजों के उपचार के लिए कमर कस दी है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग दावा कर रहा है कि स्क्रब टायफस को लेकर स्थिति पर पूरी नजर रखी जा रही है।</p>
<p>वहीं, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मॉनीटरिंग की जा रही है और रोजाना रिपोर्ट निदेशालय और सचिवालय भेजी जाती है। उन्होंने बताया कि स्क्रब टाइफस एक जीवाणु से संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है जो खेतों, झाड़ियों और घास में रहने वाले चूहों में पनपता है। जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में फैलता है और स्क्रब टाइफस बुखार बन जाता है।</p>
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