राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि मानवता की सेवा ही सच्चा धर्म है और इसे जीवन के आधार पर समझना चाहिए। राज्यपाल आज सोलन जिले के इंडियन एसोसिएशन ऑफ मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के मानव मंदिर कोठों स्थित केंद्र में मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित लोगों से संवाद कर रहे थे।
राज्यपाल ने मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित लोगों के लिए किए जा रहे मानवीय कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस केंद्र में उपचार करवा रहे मरीजों के लिए अथक प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने खुशी जताई कि आईएएमडी द्वारा संचालित मानव मंदिर मस्कुलर डिस्ट्रॉफी और अन्य न्यूरोमस्कुलर डिस्ऑर्डर के मरीजों के जीवन को बदल रहा है। यह केंद्र एक ही छत के नीचे बेहतरीन आवासीय देखभाल, फिजियोथेरेपी, हाइड्रोथेरेपी, योग, प्राणायाम, ध्यान, मनोरंजन और अभिविन्यास, आनुवंशिक परीक्षण, मनोवैज्ञानिक परामर्श आदि प्रदान कर रहा है।
उन्होंने कहा कि इस केंद्र में धर्म तो है, लेकिन संप्रदाय नहीं। शुक्ल ने कहा कि मानव धर्म क्या है, यह यहां आकर पता चलता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन लोगों को जीवन जीने का तरीका दिया है, जिन्हें मानव मंदिर की सबसे ज्यादा जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर इंसान परिस्थितियों से लड़ना सीख जाए, तो परिस्थितियां भी उसके आगे झुकने को मजबूर हो जाती हैं।
उन्होंने कहा कि आईएएमडी ने अपनी स्थापना से अब तक काफी लंबा सफर तय किया है। आज देश-दुनिया से मरीज यहां उपचार करवाने आते हैं। इस अवसर पर राज्यपाल ने अपनी एच्छिक निधि से केंद्र को 50 हजार रुपये देने की घोषणा की।
राज्यपाल ने कहा कि मानवता की सेवा करने वाले लोग वास्तविक नायक हैं और उनकी ये सेवाएं अन्य लोगों के लिए भी प्ररेणादायक हैं। उन्होंने कहा कि इस नेक कार्य के लिए दान करना बहुत ही सराहनीय है। यह सभी का नैतिक कर्तव्य है कि हमें परमात्मा की सेवा में लगे और विपत्ति में फंसे लोगों की हमेशा सहायता करनी चाहिए।
उन्होंने मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से ग्रसित लोगों के लिए सोलन में केन्द्र खोलने के लिए आईएएमडी की संरक्षक ऊमा बाल्दी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने लोगो से इस नेक कार्य के लिए आगे आने और इस केंद्र के लिए उदारतापूर्वक अंशदान का आह्वान किया।
राज्यपाल ने इस केंद्र के विभिन्न अनुभागों का दौरा किया और रोगियों को प्रदान की जा रही विभिन्न सुविधाओं का अवलोकन किया। उन्होंने केंद्र में स्थापित किए गए आधुनिक उपकरण सुविधा की सराहना की। उन्होंने मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से ग्रसित मरीजों से भी बातचीत की।
आईएएमडी की अध्यक्ष संजना गोयल ने राज्यपाल का स्वागत किया और संगठन द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि संगठन 32 वर्षों से निरंतर इस क्षेत्र में कार्य कर रहा है और मरीजों को विशेषज्ञों द्वारा चिकित्सा परामर्श प्रदान किए जा रहे हैं। उन्हांेने कहा कि केंद्र द्वारा निरंतर चिकित्सा शिविरों का आयोजन भी किया जाता है।
आईएमडी के महासचिव विपुल गोयल ने भी अपने अनुभव साझा किए।
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