बुधवार को SFI हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई द्वारा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय कार्यकारी समिति के सदस्यों को ज्ञापन दिया तथा उसके पश्चात VC ऑफिस के बाहर विभिन्न मांगो को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया. इस धरने प्रदर्शन के माध्यम से SFI ने मांग की है कि विश्वविधालय में PHD में एडमिशन के लिए यूनिफॉर्म पॉलिसी का निर्माण किया जाना चाहिए. SFI ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि विश्वविद्यालय अपने चहेतों को गलत तरीके से विश्वविद्यालय में एडमिशन दे रहा है. इसका ताजा उदाहरण भाजपा के वर्तमान राज्यसभा सांसद डॉक्टर सिकंदर कुमार के बेटे की एडमिशन के साथ-साथ अन्य उच्च अधिकारियों के बच्चों की बिना इंट्रेस एग्जाम के एडमिशन होना है. SFI ने मांग की है कि बिना एंट्रेंस के जो भी HD के अंदर एडमिशन हुई है उन्हें तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाना चाहिए.
विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष कामरेड रॉकी ने बताया कि जो विद्यार्थी रात दिन मेहनत करके लाइब्रेरी में HD में एडमिशन के लिए पढ़ाई कर रहा है, ऐसे असंवेधानिक प्रावधान करके विश्वविद्यालय साफ तौर पर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है. धरने प्रदर्शन के माध्यम से SFI ने बताया कि विश्वविद्यालय में विभिन्न पीठों का गठन किया गया है जिसके अंतर्गत विभिन्न महान हस्तियों के विचारों का अध्ययन कराया जाता है. इन सभी चेयर्स में धांधली की बात सामने आ रही है अतः SFI ने मांग की है कि इन सभी चेयर्स को इकट्ठा करके एक डिपार्टमेंट ऑफ फिलॉसफी (दर्शन शास्त्र विभाग) का निर्माण किया जाना चाहिए ताकि इन चेयर्स के अंतर्गत किसी भी प्रकार की धांधली ना हो पाए. जिसके साथ ही SFI ने मांग की है कि सत्र 2020-21 में जब छात्र हॉस्टल के अंदर रहा ही नहीं है और विश्वविद्यालय उस समय की भी टीयूशन फीस वसूल रहा है जो कि त्तकाल भाव से माफ करनी चाहिए.
SFI विश्वविद्यालय के सह सचिव कॉमरेड सुरजीत ने बताया की वर्तमान समय में विश्वविद्यालय PG के अंतर्गत फ्रेश एग्जामिनेशन के लिए 1000/1200₹ फीस लेता है लेकिन रिअपीयर परीक्षा फीस की बात करें तो अगर किसी छात्र की 4 रीअपीयर हो तो उसे इसकी 500₹ एक पेपर के हिसाब से 2000₹ फीस देनी पड़ती है जोकि फ्रेश एग्जामिनेशन फीस से दुगुनी हो जाती है. अतः एसएफआई मांग करती है कि रिअपीयर एक्जामिनेशन फीस को फ्रेश एग्जाम फीस से ज्यादा न लिया जाए.
कॉमरेड सुरजीत ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर जल्द से जल्द इन मांगों को लेकर प्रशासन द्वारा सकारात्मक पहल नहीं की जाती है तो आने वाले समय के अंदर स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया तमाम छात्र समुदाय को लामबंद करते हुए एक विशाल आंदोलन की ओर जाएगी जिसकी सारी की सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.