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भारत में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए केंद्रीय कानून जरूरी: शांता कुमार

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Shanta Kumar road accident prevention: पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को एक पत्र लिखकर भारत की सड़कों पर बढ़ती दुर्घटनाओं पर चिंता जताई है और इसके समाधान के लिए एक सख्त केंद्रीय कानून बनाने का आग्रह किया है। शांता कुमार ने कहा कि नितिन गडकरी द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में 63 लाख किलोमीटर लंबी सड़कों में से केवल 2 प्रतिशत राजमार्ग हैं, लेकिन इन पर होने वाली दुर्घटनाओं में प्रति वर्ष एक लाख लोगों की मौत होती है और तीन लाख लोग घायल होते हैं। उन्होंने कहा कि यदि केवल 2 प्रतिशत सड़कों पर ही इतने लोग दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं, तो बाकी सड़कों पर क्या स्थिति होगी, यह विचार ही दिल दहला देने वाला है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि राजमार्गों पर यातायात अधिक रहता है, इसलिए वहां दुर्घटनाएं ज्यादा होती हैं।

शांता कुमार ने बताया कि इस रिपोर्ट के अनुसार, सबसे बड़ी समस्या यह है कि भारत में न तो लोग कानूनों का पालन करते हैं और न ही उन्हें कानून का कोई डर है। दुर्घटनाओं के 70 प्रतिशत मामलों का कारण लापरवाही और तेज रफ्तार से वाहन चलाना है, जबकि 90 प्रतिशत दुर्घटनाएं शराब पीकर वाहन चलाने और अन्य नियमों का पालन न करने के कारण होती हैं। उन्होंने सिंगापुर और नीदरलैंड जैसे देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि इन देशों में अपराध दर कम है, क्योंकि वहां अपराध के लिए सख्त सजा दी जाती है।

उन्होंने गडकरी से अनुरोध किया कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए एक सख्त केंद्रीय कानून लाया जाए, जिसमें तेज गति, शराब पीकर वाहन चलाने और नियमों का उल्लंघन करने पर कम से कम 25 हजार रुपये का जुर्माना और 6 महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने की सजा का प्रावधान हो।

शांता कुमार ने सुझाव दिया कि इस कानून को लागू करने से पहले, पूरे देश में एक महीने तक व्यापक प्रचार अभियान चलाया जाए ताकि लोगों को सड़कों पर सुरक्षित तरीके से चलने के महत्व को समझाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा कानून बनने से सड़क दुर्घटनाएं काफी हद तक कम हो जाएंगी, और भारत का इतिहास नितिन गडकरी को उनके इस योगदान के लिए हमेशा याद रखेगा।