<p>बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि सिनेमा जगत के एक होनहार उदीयमान युवा सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या पर प्रतिदिन नये नये रहस्यों के पर्दे खुल रहे हैं। शांता ने कहा कि मेरा सिनेमा जगत से न अधिक लगाव है न परिचय लेकिन देश की इस होनहार युवा प्रतिभा की आत्महत्या ने उन्हें भी हिला दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी रूची बढ़ी और इस सम्बन्ध में सोशल मीडिया पर बहुत कुछ सुना। विशेशकर कंगना रनौत को सुनकर हैरानी परेशानी और खुशी भी हुई। आप की अदालत में विस्तार से सुना कि कितनी बहादुर लड़की है कितना बेवाक बोलती है। चेहरे पर ही नहीं शब्दों से भी आत्म विश्वास झलकता है। पहली बार उससे सुना कि मूवी माफिया भी है।</p>
<p>आत्म विश्वास और बेवाकी से भरी उसकी बातें सुनकर बहुत आनन्द आया। फिर गर्व हुआ सोच कर कि आखिर अपने हिमाचल की एक बहादुर बेटी है। हिमाचल के गांव से उठकर अपनी प्रतिभा और हिम्मत से इतना ऊंचा स्थान प्राप्त किया है। इस बात की भी प्रसन्नता है कि मूवी जगत के इतने ऊंचे पद पर पहुंच कर भी वह अपनी जड़ें हिमाचल से जुड़ी है। मकान मनाली में बनाया। अपनी नानी के पास आकर पतरोड़े भी खाती है। उसे हार्दिक बधाई शुभकामनायें।</p>
<p>शांता कुमार ने कहा कि साहित्य जगत में भी कुछ मठाधीश गुटवाज ऐसे हैं जो यह प्रबंध करते हैं कि किसको सम्मान दिलवाना है और किसको पीछे रखना है। हिन्दी जगत की सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली उपन्यासकार शिवानी को कभी कोई बड़ा पुरूस्कार नहीं मिला। उन्होंने कहा कि एक बार उनका उनसे मिलना हुआ तो वह कहने लगी थी कि कभी सोचा भी नहीं पुरूस्कार बारे…..मेरे पाठकों का मेरे प्रति प्यार ही सबसे बड़ा पुरूस्कार है।</p>
<p>उन्होंने कहा कि देश की राजनीति में भी बहुत कुछ इस प्रकार चल रहा है। आज से लगभग 60 वर्ष पहले जब वह राजनीति में आये तो समर्पण, योग्यता और चरित्र के कारण स्थान और सम्मान मिलता था। अब प्रबंधन, तिकड़म परिवारवाद और चादुकारिता सबसे बड़ी योग्यता हो गई है। कई जगह जीरो हीरो हो गये हैं और हीरो जीरो हो गये हैं। परन्तु सब क्षेत्रों में ऐसे लोग भी हैं जो केवल अपनी प्रतिभा और समर्पण के कारण और भाग्य से अनुकूल बातावरण मिलने के कारण आगे बढ़ते हैं। आज के इस विकृत वातावरण में ऐसे लोग बड़े भाग्यशाली हैं। लेकिन चिंता का विषय यह है कि ऐसे लोगों की संख्या कम हो रही है।</p>
<p>शांता ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या पर पुलिस गंभीरता से जांच कर रही है। देश के लोकप्रिय मनोरंजन साधन में यदि सचमुच एक षडयंत्र से आत्महत्या नहीं- हत्या करवाई गई है । जैसा कि कंगना रनौत ने कहा था तो यह अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार के लिये बहुत बड़ी चुनौती है। इस संबध में पूरी जांच से दोषियों को पकड़ा जाना चाहिये। उन्हें प्रसन्नता है कि कंगणा पुलिस में गवाही दे रही है और प्रसिद्ध नेता ओर वकील सुब्रह्मण्यम स्वामी उस में सहायता कर रहे हैं। स्वामी जी मेरे पुराने मित्र हैं। मैंने आज उनसे फोन पर बात की है। उन्होंने विश्वास दिलाया हे कि वे इस में उनकी पूरी सहायता करेंगे।</p>
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