हिमाचल में बेरोजगारी इतनी बढ़ गई है कि युवा अब क्राइम करने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं।
एक ऐसा ही ताजा मामला हिमाचल प्रदेश सचिवालय शिमला में देखने को मिला है। शिमला में क्लर्क और प्यून जॉब के लिए फेक ऑइंटमेंट लेटर जारी कर दिए गए और यह कारनामा शिमला के कोटखाई के परीक्षित आजाद ने किया है, जिसे मंगलवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
बता दें कि पालमपुर का पारस जब प्यून और अजय क्लर्क की पोस्ट ज्वाइन करने सचिवालय पहुंचे तो वहां मौजूद अधिकारी उनके ऑइंटमेंट लेटर देख हक्के बक्के रह गए।
सचिवालय प्रशासन का कहना था कि उनकी तरफ से क्लर्क और प्यून पद के लिए कोई भी भर्ती नहीं निकाली गई।
युवकों ने बताया कि उनके घर ऑपइन्मेंट लेटर डाक के जरिए आए थे, लेकिन उन्होंने जॉब के लिए आवेदन ही नहीं किया था। कांगड़ा का पारस जब ऑपइन्मेंट लेटर लेकर सचिवालय पहुंचा तो वह फर्जी निकला। इसके बाद जब सचिवालय प्रशासन ने रिकॉर्ड खंगाला तो पारस और गिरफ्तार आरोपी परीक्षित के कुछ दिन पहले सचिवालय आने का पता चला। मामला पुलिस के पास पहुंचा तो पूछताछ में पारस ने बताया कि परीक्षित ने ही उन्हें ऑपइन्मेंट लेटर जारी किए थे।
वहीं अब संदेह जताया जा रहा है कि जॉब के लिए आरोपियों में लाखों रुपये का सौदा हुआ है।
शिमला के डीएसपी अमित ठाकुर का कहना है कि फिलहाल पुलिस तीनों आरोपियों के बैंक अकाउंट खंगाल रही है। मामले में जांच टीम ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने और कितने लोगों को इस तरह के फेक ऑपइन्मेंट लेटर जारी किए हैं और मामले में और कितने लोग शामिल हैं, पुलिस इसकी जांच कर रही है।
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