➤ 3.70 करोड़ रुपये की हेराफेरी में बैंक प्रबंधक गिरफ्तार
➤ एपीएमसी शिमला-किन्नौर के खाते से की गई थी अवैध निकासी
➤ कोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से किया इंकार, पुलिस ने दबोचा आरोपी
शिमला। राजधानी के बैंक ऑफ बड़ौदा कसुम्पटी शाखा में करोड़ों की हेराफेरी का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक अंकित राठौर को गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि उसने एपीएमसी शिमला एंड किन्नौर के बैंक खाते से 22 और 27 अगस्त को करीब 3.70 करोड़ रुपये की राशि अवैध रूप से निकाली थी।
मामले की पुष्टि करते हुए बैंक के उप क्षेत्रीय प्रबंधक राजेश कुमार गाबा ने बताया कि आरोपी ने विभागीय विश्वास का दुरुपयोग कर बैंक खाते से बड़ी रकम अपने निजी हित में ट्रांसफर कर ली। जब यह मामला जांच में सामने आया, तो एपीएमसी ने तुरंत पुलिस को शिकायत दी।
पुलिस ने धोखाधड़ी और गबन के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी। आरोपी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रवीण गर्ग की अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका भी लगाई थी। अदालत ने यह कहते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी कि “इतने बड़े पैमाने की आर्थिक हेराफेरी में अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती।”
इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अंकित राठौर को गिरफ्तार कर लिया। मामले में फॉरेंसिक और डिजिटल ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड्स की भी जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि यह संगठित वित्तीय हेराफेरी का मामला प्रतीत होता है और इसमें अन्य लोगों की संलिप्तता से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
सूत्रों के मुताबिक, आरोपी ने एपीएमसी द्वारा जमा कराई गई एफडीआर राशि में हेराफेरी कर रकम अपने निजी उपयोग के लिए निकाली थी। इस घोटाले से बैंकिंग व्यवस्था की साख पर भी सवाल उठे हैं। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है ताकि पूरी साजिश का खुलासा हो सके।



