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शिमला: तीन साल पूर्व हुई बेटे की मौत के लिए पिता मांग रहा न्याय, CM से उठाई जांच की मांग

पी. चंद, शिमला |

IGMC अस्पताल के कर्मचारी तेज प्रकाश की संदिग्ध मौत का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आया है। अपने बेटे की मौत से आहत पिता तीन साल से जांच के लिए दर-दर भटक रहा है, लेकिन उसकी फरियाद कोई नहीं सुन रहा है। मजबूर पिता ने बुधवार को शिमला में मीडिया के समक्ष सिसकती आंखो से अपना दर्द सुनाया। इस दौरान उसके मृतक बेटे के दो मासूम बच्चे भी मौजूद थे। रोते बिखलते पिता के मूंह से पहले यही शब्द निकले कि बेटे को न्याय दिलाने के लिए प्रयास करते-करते अब थक गया हूं, टूट चुका हूं।

दरअसल शिमला से सटे भराड़ी इलाके में सड़क किनारे तेज प्रकाश निवासी सुंदरनगर का शव अप्रैल 2017 में संदिग्ध अवस्था में बरामद हुआ था। 33 वर्षीय तेज प्रकाश आईजीएमसी में ब्लड बैंक में कार्यरत था। मृतक के पिता एलआर कौंडल ने उस दौरान बेटे की सुनियोजित हत्या का आरोप लगाते हुए शिमला पुलिस से मामले की गहन तहकीकात करने की मांग की थी।

मृतक का पिता एलआर कौंडल आज मीडिया से रूबरू हुए और उन्होंने फिर यह बात उठाई कि उनके बेटे की हत्या हुई है। लेकिन पुलिस ने इस मामले को हल्के में लिया और केवल सीआरपीसी 174 में कार्रवाई कर क्लोजर रिपोर्ट बना दी। उन्होंने कहा कि तीन वर्ष से न्याय के लिए वह दर-दर भटक रहा है। एसपी से लेकर मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक को उसने पत्र लिखकर मामले की निष्पक्ष जांच का आग्रह किया, लेकिन अभी तक उसे न्याय नहीं मिल पाया है। तीन सालो में वह राज्य और केंद्र सरकार के साथ पुलिस प्रशासन को 26 पत्र लिख चुका है।

उन्होंने कहा कि 8 अप्रैल 2017 को उसके बेटे तेज प्रकाश का शव भराड़ी के पास संदिग्ध अवस्था में मिला था। मौके पर जिस अवस्था में बेटे का शव था , उसे ऐसा नहीं लगा कि उसकी मौत गिरने से हुई है। उसके चेहरे सिर पर चोट के निशान थे। उसके बेटे की हत्या हुई है, जबकि पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई में अभी तक कहीं पर हत्या सामने नहीं आ रही है। उन्होंने आगे कहा कि फॉरेंसिक से जो बिसरा रिपोर्ट आई है, उसमें मृत व्यक्ति द्वारा 395.91 एम.एल. शराब का सेवन करने की पुष्टि हुई है और मौत ब्रेन हेमरेज से बताई गई है। इस बात से वे विल्कुल भी संतुष्ट नहीं है।

उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि बेटे तेज प्रकाश की मौत मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर फिर से जांच करवाई जाए और इस मामले में शक के दायरे में आए बेटे के दोस्त डॉक्टर का नारकोटैस्ट भी करवाया जाए। उनका कहना है कि जिस रोज मेरे बेटे की मौत हुई है उस दौरान उसका डॉक्टर दोस्त साथ ही था। पुलिस ने पहले हांलाकि उसका पोलीग्राफ टैस्ट भी करवाया, लेकिन वह नेगेटिव करवाया गया है। उन्होने इसे मामले में मृतक बेटे की पत्नी पर भी शक जाहिर करते हुए बेटे की साजिशन हत्या करवाने का अंदेशा जाहिर करते हुए जांच करने की मांग की है।