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शिमला: राज्यपाल ने किया आरट्रैक परिसर का दौरा, समरहिल जाकर देखा वेस्ट पेपर रि-साइकिल प्लांट

<p>राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज सेना प्रशिक्षण कमांड (आरट्रैक) का दौरा किया और वहां तैनात सैन्य अधिकारियों के साथ चर्चा कर सैन्य संबंधित जानकारी ली। लैफ्टिनेंट जनरल चीफ ऑफ स्टॉफ अतुल्य सोलंकी ने राज्यपाल का स्वागत किया और आरट्रैक परिसर की जानकारी दी। इस मौके पर राज्यपाल ने आरट्रैक दौरे पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय सेना हर परिस्थिति से निपटने में पूरी तरह सक्षम है। उन्होंने कहा कि सेना का आत्मविश्वास ऊंचा है और देश को गर्व है कि हमारे सैनिकों के हाथों में वह पूरी तरह सुरक्षित हैं। इस अवसर पर राज्यपाल को सामरिक रणनीति और अन्य गतिविधियों को किस प्रकार यहां से संचालित किया जाता है, से अवगत करवाया।</p>

<p>इसके पश्चात्, राज्यपाल ने समरहिल स्थित सेना द्वारा स्थापित वेस्ट पेपर रि-साइकिल प्लांट का दौरा भी किया। पर्यावरण को बचाने और हमारी जैव विविधता को समृद्ध करने के लिए यह प्लांट वर्ष 2013 में स्थापित किया गया था। यह वेस्ट पेपर का उत्पादक उपयोग सुनिश्चित करने के लिए स्थापित की गई। करीब 7.31 लाख रुपये की लागत से स्थापित इस इकाई में टैरा बीटर, टैरा हाईड्रापल्पर, टैरा यूनी-वैट, कटर इत्यादि मशीनें स्थापित की गई हैं, जिनकी कुल क्षमता 3 किलोग्राम प्रतिदिन है। इस तरह यहां कैरी बैग, फाइल कवर, पैन स्टैंड, रैपिंग शीट, लैंप शेड इत्यादि तैयार किए जा रहे हैं।</p>

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<p>राज्यपाल ने प्रसन्न्ता व्यक्त की कि सैनिकों का यह प्रयास &lsquo;वेस्ट से वेल्थ&rsquo; को ओर ले जाता है। उन्होंने कहा कि इस मशीन को सैनिक कल्याण एसोसिएशन के माध्यम से सैनिकों की पत्नियों द्वारा संचालित किया जा रहा है और उन्हें इसका प्रशिक्षण दिया जाता है, जो एक अच्छा प्रयास है। उन्होंने कहा कि किस प्रकार हमारे सैनिक पर्यावरण संरक्षण का बेहतर कार्य कर रहे हैं, जो सभी के लिए उद्हारण है और विशेषकर पहाड़ी राज्यों के लिए इस तरह सरकारी व गैर सरकारी क्षेत्र में ऐसे प्रयास किए जाने चाहिए और ऐसी मशीनें कचरा प्रबंधन के विकल्प के रूप में उपयोग में लाई जा सकती हैं।</p>

<p>राज्यपाल ने सेना के व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र का दौरा भी किया जहां उन्हें कंप्यूटर, सिलाई-बुनाई, खाना बनाने, ब्यूटीशियन इत्यादि विभिन्न प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों से अवगत करवाया गया। राज्यपाल ने सैनिकों की पत्नियों के लिए इस तरह के कार्यक्रमों को संचालित करने के लिए बधाई दी तथा कहा कि इस तरह के कार्य न केवल उनके कौशल विकास से जुड़े हैं बल्कि उनकी कमाई का महत्वपूर्ण साधन भी बन सकते हैं।</p>

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