<p>शिमला-हमीरपुर-मटौर राष्ट्रीय उच्च मार्ग-88 को पहले एनएच और अब फोरलेन घोषित तो कर दिया है, लेकिन बरसाती मौसम में हुए डैमेज को दुरूस्त करने के लिए कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। विडंबना यह है कि एनएच के शालाघाट, जुखाला, हमीरपुर, ज्वालामुखी और देहरा सब-डिवीजन में एसडीएम, जेई, सुपरवाईजर व बेलदारों को मिलाकर कुल 119 अफसर-कर्मचारियों की स्ट्रैंथ कार्यरत है, मगर इस सड़क की हालत सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे। मुख्यमंत्री के समक्ष भी मसला उठाया गया है।</p>
<p>यह बात नयनादेवी के विधायक रामलाल ठाकुर ने सर्किटहाऊस में आयोजित प्रेस वार्ता करते हुए कही। उन्होंने बताया कि राजघाट से लेकर शालाघाट तक इस मार्ग की हालत बेहद खस्ता हो चुकी है और बरसात के मौसम में सड़क जगह जगह से डैमेज हुई है। पैचवर्क भी सही तरीके से नहीं किया जा रहा है।</p>
<p>उन्होंने कहा कि एनएच पर बनाए गए सब डिवीजन में 119 अधिकारी और कर्मचारियों की फौज तैनात की गई है, जिनमें 5 एसडीओ, 20 जेई, 19 सुपरवाईजर और 75 बेलदार शामिल हैं। लेकिन काम क्यों नहीं हो रहा, यह एक बड़ा सवाल है?</p>
<p>उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एक साल की उपलब्धियों का ढिंढोरा पीट रही है। सरकारी खजाने का जमकर दुरूपयोग हो रहा है। ईमानदारी से काम किए जाने के दावे करते करते सरकार नहीं थकती, मगर हकीकत कहीं दूर है।</p>
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