शिमला के काली बाड़ी मंदिर में वसंत पंचमी के अवसर पर मां सरस्वती की मूर्ति की स्थापना – बंगाल से लाई गयी मिट्टी से बनी मूर्ति स्थापित, बसंत पंचमी भक्त कर रहे विद्या की देवी की पूजा अर्चना।
आज बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है। शिमला के कालीबाड़ी मंदिर मे मां सरस्वती की मूर्ति की स्थापना की गई है जहां सुबह से भक्तजन कर रहे श्रद्धा व उल्लास से मां की पूजा अर्चना कर रहे हैं।
मंदिर के पुजारी मुक्ति चक्रवर्ती ने बताया कि आज बसंत पंचमी पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। विद्या की देवी माता सरस्वती की मूर्ति स्थापना की गयी है। विद्या एवं संगीत की देवी माता सरस्वती अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती है। भक्तों को भय मुक्त करती हैं।
मान्यता के अनुसार विद्या एवं संगीत की देवी माता सरस्वती की विधिवत पूजा की जाती है । उन्होंने कहा कि मां सरस्वती विद्या दी है साथ ही सद्बुद्धि देती है। इस दिन से प्रकृति नया रूप लेती है। पेड़- पौधों पर नए पत्ते आने लगते हैं। इस दिन नए कार्य शुरू करने के लिए बेहद शुभ है। मंदिरों में पूजा कर परिवार के सुख समृद्धि की कामना करते हैं।
इसके साथ ही बच्चे मंदिरों में जाकर अपनी किताबों और पाठ्य सामग्री व वाद्य यन्त्रों की पूजा करवाकर माता सरस्वती का आशीर्वाद लेते हैं। पूजारी ने बताया कि कालीबाड़ी मंदिर में वसंत पंचमी पर मूर्ति की स्थापना के साथ हवन यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है ।
पूजारी ने बताया कि सरस्वती माता की यहां स्थापित की गयी मूर्ति बंगाल के कलाकारों ने शारदीय नवरात्रों के समय माता दुर्गा की मूर्तियों के साथ तैयार किया था। इसके लिए मिट्टी भी बंगाल से ही लाई जाती है । उत्सव के बाद मूर्ति को मंदिर में ही रखा जायेगा और आगामी दुर्गा पूजा के समय मां दुर्गा की मूर्ति के विसर्जन के साथ विसर्जित की जाएगी।